भारत के पूर्व राष्ट्रपति और महान राजनेता प्रणब मुखर्जी की जयंती पर आज पूरे देश ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। राष्ट्र निर्माण में उनके अतुलनीय योगदान और सार्वजनिक जीवन में उनकी सरलता, संवेदनशीलता और दूरदृष्टि को याद करते हुए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर कई वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें नमन किया। भारतीय लोकतंत्र की मजबूत बुनियाद खड़ी करने में उनकी भूमिका हमेशा प्रेरणा देती रहेगी।
अमित शाह ने किया याद—संविधान पर उनकी गहरी समझ अद्भुत थी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए प्रणब मुखर्जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जी को नमन, जिनकी संविधान की गहरी समझ ने उनके हर सार्वजनिक पद के कार्यकाल को नई दिशा दी। अमित शाह ने कहा कि जनसेवा के प्रति उनका समर्पण, निर्णय क्षमता और राष्ट्र को सर्वोपरी मानने का भाव हमेशा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।
अमित शाह के संदेश में यह स्पष्ट रूप से झलकता है कि प्रणब मुखर्जी सिर्फ एक राजनेता ही नहीं, बल्कि संविधान और शासन-व्यवस्था के वास्तविक ज्ञाता थे। उन्होंने जिस गंभीरता और निष्ठा के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन किया, वह भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं को और मजबूत करता है।
योगी आदित्यनाथ ने कही—उनकी दूरदृष्टि लोकतंत्र के लिए धरोहर है
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी प्रणब मुखर्जी की जयंती पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि भारत रत्न प्रणब मुखर्जी की दूरदृष्टि, सादगी और राष्ट्रहित को सर्वोच्च स्थान देने की उनकी सोच भारतीय लोकतंत्र की अमूल्य धरोहर है।
मुख्यमंत्री ने याद किया कि प्रणब मुखर्जी का व्यक्तित्व हमेशा सभी पक्षों को साथ लेकर चलने की कला से भरा हुआ था। उनकी राजनीतिक परिपक्वता, अनुभव और संतुलित दृष्टिकोण ने उन्हें हर दल, हर नेता और हर संस्था का सम्मानित मार्गदर्शक बना दिया।
भारत के 13वें राष्ट्रपति—एक बहुआयामी व्यक्तित्व
प्रणब मुखर्जी ने 2012 से 2017 तक भारत के 13वें राष्ट्रपति के रूप में अपने दायित्वों का निर्वहन किया। उनका कार्यकाल इस बात का प्रमाण था कि गंभीरता, संयम और संतुलन के साथ शीर्ष संवैधानिक पद की गरिमा को कैसे निभाया जाता है।
राष्ट्रपति बनने से पहले भी उनका राजनीतिक जीवन अत्यंत लंबा और गौरवशाली रहा। वे कई बार कैबिनेट मंत्री रहे और उन्होंने विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय सहित अनेक महत्वपूर्ण विभागों का नेतृत्व किया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के रूप में उन्होंने न केवल पार्टी, बल्कि पूरे राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण नीतिगत योगदान दिए। वे उन दुर्लभ नेताओं में से थे जिन्हें संसद से लेकर सरकार तक हर स्तर पर सम्मान मिला। प्रणब मुखर्जी का जीवन दिखाता है कि राजनीति केवल सत्ता नहीं, बल्कि सेवा और कर्तव्य का मार्ग है। राष्ट्रीय मुद्दों पर उनका संतुलित दृष्टिकोण, विपक्ष और सत्ता—दोनों से संवाद बनाए रखने की क्षमता और हर परिस्थिति में लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने की उनकी प्रतिबद्धता उन्हें महान व्यक्तित्व बनाती है।
