नई दिल्ली । ये वो खबर है जो हर भारतीय के सीने को चौड़ा कर देगी। UNESCO ने भारत के सबसे बड़े और सबसे चमकदार पर्व – दीपावली – को अपनी प्रतिष्ठित ‘अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर’ (Intangible Cultural Heritage) सूची में शामिल कर लिया। अब दीपावली सिर्फ हमारा त्योहार नहीं, पूरी मानवता की साझी विरासत है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X पर लिखा, “दुनिया भर के लोग उत्साहित हैं। दीपावली हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है – अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक। ये सम्मान दीपावली की वैश्विक चमक को और बढ़ाएगा।”
ये भारत के लिए लगातार पांचवीं बड़ी जीत है। पहले योग (2016), कुंभ (2017), दुर्गा पूजा (2021), गरबा (2023) और अब दीपावली (2025)। UNESCO ने कहा, “दीपावली सिर्फ हिंदुओं का नहीं – जैन, सिख, बौद्ध समुदायों का भी पवित्र पर्व है। नेपाल, श्रीलंका, मलेशिया, फिजी, मॉरीशस, त्रिनिदाद, सूरीनाम तक ये उत्साह फैला हुआ है। प्रवासी भारतीयों ने इसे लंदन से न्यूयॉर्क तक पहुंचाया। ये पर्व एकता, उम्मीद और प्रकाश का संदेश देता है।”
संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, “ये भारत की सॉफ्ट पावर का सबसे बड़ा प्रमाण है। दीपावली अब वैश्विक ब्रांड है।” नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने बधाई दी, “हमारे लिए भी ये गर्व का पल है।” मलेशिया, फिजी, मॉरीशस में भारतीय समुदाय जश्न मना रहा है।
सोशल मीडिया पर #DiwaliUNESCO ट्रेंड नंबर-1 पर। लोग लिख रहे हैं – “लक्ष्मी-गणेश की पूजा अब विश्व विरासत!” “प्रकाश का पर्व अब दुनिया का पर्व!”
