- 28 जिलों में 128 मुकदमे दर्ज, 35 से अधिक गिरफ्तार
- संदिग्ध पाए जाने पर दवा कारोबारियों के लाइसेंस होंगे रद
- SIT शुरू किया अभियान
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। अवैध तरीके से कोडीन युक्त कफ सीरप की सप्लाई करने वाले तस्करों की धरपकड़ और उनकी गिरफ्तारी के लिए आखिरकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दखल देना पड़ा। प्रदेश भर में फैले नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर एसआईटी टीम का गठन किया गया है। बीते दिनों मध्यप्रदेश में जहरीले कफ सीरप पीने से करीब दो दर्जन बच्चों की जान चली गई थी, जबकि यूपी में भी दो-तीन बच्चे इसके शिकार बने थे। मामला सुर्खियों में आया तो संबंधित विभाग के आलाधिकारी हरकत में आए और इसकी गहनता से छानबीन कर रही थी कि इसी सोनभद्र पुलिस ने वाराणसी निवासी सरगना शुभम जायसवाल के पिता भोला प्रसाद जायसवाल को को गिरफ्तार कर जानकारी हासिल की तो पता चला कि यह गोरखधंधा मध्यप्रदेश और यूपी ही नहीं बांग्लादेश व नेपाल तक जुड़ा हुआ है।
इसी बीच यूपी एसटीएफ टीम ने भी इस गोरखधंधे से जुड़े बर्खास्त सिपाही आलोक प्रताप सिंह को दबोचा था। इसके पहले तस्कर अमित टाटा को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन इस गिरोह का मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल आज भी पुलिस की पकड़ से दूर है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अवैध कफ सीरप की सप्लाई करने वालों तथा उनके नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए एसआईटी टीम का गठन किया है।
फरार चल रहे सरगना शुभम जायसवाल के बारे में पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने कहा कि उसका प्रत्यर्पण कराया जाएगा। उन्होंने ने दो टूक शब्दों में कहा कि ड्रग्स मामले में हमारी अन्तर्राष्ट्रीय संधियां बहुत सख्त है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में अवैध कोडीन युक्त कफ सीरप सप्लाई करने वालों की धरपकड़ के लिए एसआईटी टीम गठित की गई है। मुख्यमंत्री का सख्त आदेश मिलते ही एसआईटी टीम यूपी के अलग-अलग जिलों में छापेमारी शुरू कर दी है। इस मामले में 28 जिलों में 128 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। बताया जा रहा है कि सरगना शुभम जायसवाल के पिता भोला प्रसाद जायसवाल, विभोर राणा, सौरभ त्यागी, बर्खास्त सिपाही आलोक प्रताप सिंह, अमित टाटा सहित 35 अधिक आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
