नई दिल्ली। शीतकालीन सत्र के दौरान बुधवार को लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष को आईना दिखा दिया। SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) पर कांग्रेस और इंडी गठबंधन के आरोपों को “झूठ का पुलिंदा” बताते हुए शाह ने कहा, “चुनाव आयोग संवैधानिक संस्था है, सरकार के अधीन नहीं। घुसपैठिए यह तय नहीं करेंगे कि देश का PM-CM कौन बनेगा।”
शाह ने कहा, “विपक्ष SIR पर हंगामा कर रहा है, लेकिन 2000 के बाद तीन बार SIR हुआ – दो बार NDA के समय, एक बार मनमोहन सरकार में। तब किसी ने सवाल नहीं उठाया। अब अचानक वोटर लिस्ट से नाम कटने का रोना? ये सिर्फ डर है कि 2027 में जनता फिर NDA को लाएगी।”
राहुल गांधी के “परमाणु बम” वाले बयान पर शाह ने पलटवार किया, “हरियाणा के एक घर में 20 वोटर होने का दावा किया गया। चुनाव आयोग ने चेक किया – दावा फर्जी निकला। वोट चोरी का नैरेटिव बनाने की कोशिश हो रही है।”
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शाह ने कांग्रेस के इतिहास का पिटारा खोला:
- 1946 में सरदार पटेल को 28 वोट, नेहरू को 2 – फिर भी नेहरू PM बने।
- इंदिरा गांधी का रायबरेली केस – इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव रद्द किया, फिर कानून बदलकर खुद को इम्युनिटी दी।
- जजों को सुपरसीड कर अपने मनपसंद चीफ जस्टिस बनाया।
शाह ने सोनिया गांधी का भी जिक्र किया, “दिल्ली कोर्ट में केस है कि नागरिकता से पहले वोटर बनीं। मैंने सिर्फ तथ्य बताया, जवाब कोर्ट में दें।”
राहुल गांधी के “आप डरे हुए हैं” पर शाह मुस्कुराए, “आपके चेहरे पर चिंता की लकीरें दिख रही हैं। मैं आपके उकसावे में नहीं आऊंगा।” सदन में ठहाके गूंज गए।
शाह ने कहा, “ममता, स्टालिन, खरगे, अखिलेश, हेमंत सोरेन, भगवंत मान – सब चुनाव हारकर ECI को गाली दे रहे। पहले सिर्फ कांग्रेस की परंपरा थी, अब इंडी अलायंस ने भी अपनाई। देश की छवि खराब कर रहे हैं।”
अंत में शाह ने चेताया, “चुनाव आयोग पर उंगली उठाना लोकतंत्र पर हमला है। वोटर लिस्ट साफ करना देशहित में है। घुसपैठिए और फर्जी वोटर तय नहीं करेंगे कि भारत का अगला नेता कौन होगा।”
