नई दिल्ली। एक पुराना विवाद फिर से गरमाया है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोनिया गांधी और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। मामला है – क्या सोनिया का नाम 1983 में भारतीय नागरिकता मिलने से पहले ही वोटर लिस्ट में था? याचिका में आरोप है कि 1980 की नई दिल्ली मतदाता सूची में उनका नाम शामिल था, जबकि नागरिकता 30 अप्रैल 1983 को मिली। याचिकाकर्ता वकील विकास त्रिपाठी ने कहा, “1980 में नाम कैसे आया? फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल हुआ? 1982 में नाम कटा, 1983 में फिर जुड़ा – ये जांच का विषय है।” अगली सुनवाई 6 जनवरी 2026 को।
मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सितंबर 2025 में FIR खारिज की थी। त्रिपाठी ने BNSS की धारा 175(4) के तहत रिवीजन याचिका दाखिल की। उन्होंने कहा, “नागरिकता के बिना वोटर लिस्ट में नाम होना लोकतंत्र पर सवाल है।” सोनिया (इटालियन मूल की) ने 1968 में राजीव गांधी से शादी की, लेकिन नागरिकता 1983 में ली। 1985 के इलाहाबाद HC जजमेंट में कोर्ट ने पुष्टि की कि नागरिकता 30 अप्रैल 1983 को मिली।
BJP ने इसे पुराना हथियार बनाया। अमित मालवीय ने X पर कहा, “1980 में नाम, 1982 में हटाया, 1983 में फिर – कट-ऑफ 1 जनवरी था, अप्रैल में नागरिकता मिली। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, “BJP डर गई है, इसलिए पुराने मुद्दे निकाल रही।”
ये विवाद 1980 के वोटर रोल से शुरू हुआ। इंदिरा गांधी के निवास पर सोनिया का नाम था। 1982 में पब्लिक आउटक्राई पर हटाया गया। 1983 में फिर जुड़ा। याचिका में दस्तावेजों की जांच मांगी गई।
