- चार साइबर अपराधी गिरफ्तार
- तीन एटीएम, दो मोटरसाइकिल व 44 लाख की नकदी बरामद
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। कानपुर जिले की अंतर्राज्यीय साइबर जालसाजों के गिरोह का खुलासा करते हुए चार साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया और आरोपियों के पास से 4.44 लाख रुपये, तीन एटीएम, दो बाइक बरामद की है। पकड़े गए ठग दिल्ली में बैठे गिरोह के शातिरों को फेक सिग और अकाउंट उपलब्ध कराते थे। ठगी के बाद फेक अकाउंट में ही रकम ट्रांसफर की जाती थी। गिरोह का सरगना गुर्गों को 25 से 30 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन का भुगतान और 20 प्रतिशत कमीशन भी देता था।
अंतरराज्यीय गिरोह का खुलासा करते हुए डीसीपी साउथ दीपेंद्र नाथ चौधरी ने बताया कि मूलरूप से हमीरपुर के सिसौलर छानी गांव निवासी सालिगराम व बांदा के जसपुरा कुंडाडोल का अवधेश निषाद बेंग्लुरु में नौकरी करता था। तभी उनकी मुलाकात साइबर ठगी करने वाले मोहित, राहुल व सौरभ से हुई। तीनों ठगों ने मिलकर सालिगराम व अवधेश को भी फ्राड से होने वाली कमाई का लालच देकर जोड़ लिया और दोनों भी ठगी करने लगे। डीसीपी साउथ ने बताया कि गिरोह दिल्ली से चलता है।
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गैंग का सरगना लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के झांसा देकर फंसाता है। इसके बाद मोबाइल पर एनीडेस्क डाउनलोड कराते। फिर लोगों से ठगी करते। फ्राड से कमाई रकम को फेक अकाउंट में ट्रांसफर किया जाता था। इसके बाद सालिगराम व अवधेश विभिन्न जिलों में पहुंचकर एटीएम से रकम निकालकर गिरोह के सरगना को देने जाते थे। डीसीपी साउथ के अनुसार सालिगराम के खोले फेक अकाउंट में पैसा ट्रांसफर होता। सालिगराम के पास से पांच फेक अकाउंट है। अकाउंट का उपयोग करने की सुविधा अवधेश के पास भी है। ठगी के बाद अवधेश रुपयों को खाते से निकाल लेता। सालिगराम और अवेधश का काम यही होता था कि ठगों के लिए फेक अकाउंट उपलब्ध कराए।
गिरोह से जुड़ा बांदा के जरैली का राहुल कुमार व बांदा के किरन चौराहा कर्बला का अमित यादव भी गैंग को फेक सिम उपलब्ध कराता था। जिससे ठग वारदातों को अंजाम देते। इन दोनों शातिरों के पास से 12 सिम मिले हैं। जिसे अलग-अलग आईडी से खरीदा गया है। घाटमपुर पुलिस के अनुसार चारों आरोपियों को चेकिंग के दौरान देवमनपुर मोड़ से गिरफ्तार किया है। पूछताछ में अंतरराज्यीय गैंग से जुड़े दिल्ली के रितिक उर्फ संदीप, सौरभ शर्मा व मोहित के नाम भी पता चले हैं। सालिगराम ने ठगी की रकम से ही अभी कुछ पहले ही पल्सर बाइक खरीदी थी। आरोपियों के खातों में भी 2.36 लाख रुपये हैं। जिसे फ्रीज कराया गया है।
