लखनऊ। एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला रात आठ बजे से शुरू होगा। लेकिन इसे लेकर भारत में जमकर सियासत देखने को मिल रही है। पाकिस्तान के साथ मैच खेलने को लेकर कांग्रेस पार्टी सहित विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधा है तो वहीं सरकार ने इसे खेल की आवश्यकता बताकर इसका बचाव किया है। शिवसेना (UBT) के कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र में ‘सिंदूर’ विरोध प्रदर्शन किया और लोगों से पाकिस्तान के साथ होने वाले मैच के बहिष्कार की अपील की। उन्होंने इस मैच को सैनिकों और पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों का अपमान करार दिया है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सवाल उठाया कि क्या यह मैच ट्रंप के दबाव में हो रहा है। उधर, शिवसेना शिंदे गुट ने मैच का बचाव किया और कांग्रेस के शासनकाल की ओर इशारा करते हुए कहा कि तब भी भारत और पाकिस्तान के बीच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेले जाते थे, जब संबंध तनावपूर्ण हुआ करते थे।
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एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मैच को लेकर सरकार ने साफ किया है कि ‘खेल और ऑपरेशन सिंदूर’ दो अलग-अलग मुद्दे हैं। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि मैच के विरोध करना उन खिलाड़ियों के साथ अन्याय है जिन्होंने यहां तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत की है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मैच को आयोजित करने के फैसला ‘सोच-समझकर’ लिया गया है, क्रिकेट की अपनी भावनाएं हैं जो राजनीति से परे हैं। सरकार का कहना है कि भारत पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय मुकाबले नहीं खेलेगा, न तो भारत को कोई खिलाड़ी पाकिस्तान जाएगा और न ही पाकिस्तान की टीम भारत आएगी। लेकिन बहुपक्षीय मुकाबले खेले जाएंगे।
गौरतलब है कि भारत-पाकिस्तान के मैच को लेकर फैंस दो धड़ों में बंट गए हैं। कुछ लोगों का कहना है कि पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह का संबंध नहीं होना चाहिए, चाहे वो खेल हो, व्यापार हो या पानी, वहीं दूसरा धड़ा कह रहा है कि खेल को खेल ही रहने दिया है, इसे राजनीति से न जोड़ा जाए। जिस तरह सेना ने पाकिस्तान को हमेशा बॉर्डर पर धूल चटाई है, उसी तरह खिलाड़ी पाकिस्तान (Pakistan) के खिलाड़ियों को खेल के मैदान पर धूल चटाएंगे।
