उमेश चन्द्र त्रिपाठी
काठमांडू। नेपाल एक बार फिर राजनीतिक दोराहे पर खड़ा है। हाल ही में हुए जेन जी आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा था, जिसके बाद पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के नेतृत्व में अंतरिम सरकार ने नए मंत्रिमंडल के गठन की तैयारी शुरू कर दी है। संस्कृति, पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के लिए सबसे चर्चित नामों में अस्मिता भंडारी का नाम शामिल है।
भंडारी सिर्फ एक राजनीतिक आकांक्षी नहीं हैं। वह विश्व हिंदू महासंघ की अंतर्राष्ट्रीय समिति की पहली महिला अध्यक्ष, महिला संचार समूह की संस्थापक अध्यक्ष और मजबूत अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क वाली एक अनुभवी पत्रकार हैं। 19 वर्षों से, वह सांस्कृतिक अतिक्रमण के खिलाफ एक मुखर कार्यकर्ता रही हैं और नेपाल की परंपराओं और पहचान की रक्षा के लिए लगातार काम करती रही हैं।
