भारत ने गाजा में तत्काल युद्ध विराम वाले प्रस्ताव पर मतदान से किया परहेज

न्यूयॉर्क। भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के उस प्रस्ताव पर मतदान से खुद को अलग रखा है, जिसमें गाजा में ‘तत्काल, बिना शर्त और स्थायी’ युद्ध विराम की मांग की गई थी। स्पेन द्वारा पेश किए गए इस प्रस्ताव में हमास और अन्य समूहों द्वारा बंधक बनाए गए सभी लोगों को तत्काल और बिना शर्त रिहा करने का भी आग्रह किया गया था।

‘नागरिकों की सुरक्षा और कानूनी एवं मानवीय दायित्वों को बनाए रखना’ शीर्षक वाले इस प्रस्ताव के पक्ष में 149 वोट पड़े, 12 वोट इसके खिलाफ पड़े और 19 राष्ट्रों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया, जिसमें भारत भी शामिल है। यह मतदान गाजा में चल रहे संघर्ष के कारण मानवीय चिंताओं के बढ़ने के बीच हुआ है।

न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पी. हरीश ने कहा कि भारत गहराते मानवीय संकट से बहुत चिंतित है और नागरिकों की मौत की घटना की निंदा करता है। उन्होंने कहा कि भारत पहले भी इजरायल-फिलिस्तीन मुद्दे पर प्रस्तावों से दूर रहा है। भारतीय राजनयिक ने दोनों पक्षों से वैश्विक समुदाय द्वारा समर्थित सार्थक प्रयासों में शामिल होने का आग्रह किया।

राजदूत पी. हरीश ने कहा आज मानना है कि संघर्षों को बातचीत और कूटनीति से ही हल किया जा सकता है। दोनों पक्षों को करीब लाने के लिए एक संयुक्त प्रयास किया जाना चाहिए। इन कारणों के मद्देनजर हम इस प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहेंगे।
बता दें कि इस प्रस्ताव में इजरायल से गाजा पर अपनी नाकाबंदी तुरंत हटाने, सभी सीमा पार मार्ग खोलने और अंतरराष्ट्रीय कानूनी एवं मानवीय दायित्वों के अनुरूप फिलिस्तीनी नागरिकों को मानवीय सहायता की तेजी से और बड़े पैमाने पर डिलीवरी सुनिश्चित करने का भी आह्वान किया गया था।

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