
हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पर्व पूरी आस्था के साथ मनाया जाता है। इस दिन षष्ठी माता और सूर्यदेव की पूजा का विधान है। इसलिए इस पर्व को “सूर्य षष्ठी” के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व चार दिन तक चलता है। इस बार छठ पूजा की शुरुआत 17 नवंबर 2023 दिन शुक्रवार यानि कि कल से शुरु हो चुकी है। छठ पर्व की शुरुआत षष्ठी तिथि से दो दिन पहले चतुर्थी से ही हो जाती है। तिथि के अनुसार, छठ पूजा चार दिनों की होती है। इस दौरान व्रतधारी लगातार 36 घंटे का व्रत रखते हैं। व्रत के दौरान वह पानी भी ग्रहण नहीं करते हैं।
यह व्रत संतान प्राप्ति के साथ-साथ परिवार की सुख-समृद्धि के लिए भी रखा जाता है। छठ पूजा के दौरान बहुत ही विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। इस दिन विधि-विधान से पूजा करने के साथ-साथ कई नियमों का पालन करना भी बहुत जरूरी होता है। यह व्रत जितना कठिन होता है उतने ही कठिन इसके नियम होते हैं। तो आइए जानते हैं छठ पूजा के दौरान किन 10 नियमों का पालन करना बहुत जरूरी होता है।
छठ पूजा के 10 बड़े नियम-
- मान्यताओं के अनुसार प्याज और लहसुन का सेवन करना इन चार दिनों में वर्जित माना जाता है।
- छठ पूजा में सफाई का बहुत अधिक ध्यान रखना पड़ता है। इसलिए बिना साफ-सफाई के पूजा की कोई भी चीज नहीं छूनी चाहिए।
- जो महिलाएं यह व्रत करती हैं वह इन दिनों में पलंग या चारपाई पर नहीं सोती बल्कि जमीन पर चादर बिछाकर सोती हैं।
- सूर्य भगवान को अर्ध्य देना बहुत ही जरूरी माना जाता है। इसलिए कभी भी पूजा के लिए चांदी, स्टील, प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- प्रसाद तैयार करते समय खुद कुछ नहीं खाना चाहिए।
- जिस जगह आप प्रसाद बना रहे हैं, वहां पर पहले खाना न बनता हो।
- पूजा के समय हमेशा साफ-सुथरे और धुले हुए कपड़े ही पहनें।
- अगर आपने व्रत रखा है तो बिना सूर्य को अर्घ्य दिए जल या फिर किसी और चीज का सेवन न करें।
- पूजा के दिनों में किसी को भी फलों का सेवन नहीं करना चाहिए। पूजा समाप्त होने के बाद फलों का सेवन कर सकते हैं।
- कहते हैं कि जो व्यक्ति इस पूरे विधि-विधान के साथ छठी मइया की पूजा करता है उसे धन-वैभव और सुख शांति की प्राप्ति होती है।