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भाजपा का प्रेमरोग : किसी वैद्य को बुलाओ, इनकी दवा तो कराओ

फिल्म प्रेमरोग का गीत है, मैं हूं प्रेमरोगी मेरी दवा तो कराओ, जाओ जाओ जाओ किसी वैद्य को बुलाओ…. लगता है भाजपा को भी यही रोग हो गया है। इसे अपने नैसर्गिक प्रेमी पसंद नहीं। इसे किसी और से प्रेम हो गया है। ऐसा लग रहा है। जो इससे नैसर्गिक प्रेम करने वाले हैं वे […]

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