प्रयागराज । उत्तर प्रदेश में कोडीन युक्त कफ सिरप की अवैध तस्करी के हाई-प्रोफाइल मामले में फरार आरोपी शुभम जायसवाल ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। शुभम ने FIR रद्द करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की याचिका दायर की है। हालांकि, गुरुवार को याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी। कोर्ट ने मामले को अगले सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने बताया कि NDPS एक्ट के अलावा अब भारतीय न्याय संहिता (BNS) की अतिरिक्त धाराएं भी जोड़ी गई हैं। याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि यह राजनीतिक प्रतिशोध है, लेकिन कोर्ट ने बहस को आगे बढ़ाने का अनुरोध स्वीकार कर लिया।
यह मामला 15 नवंबर 2025 को वाराणसी कोतवाली थाने में NDPS एक्ट की धारा 26(d) के तहत दर्ज FIR से जुड़ा है। FIR में शुभम जायसवाल, उनके पिता भोला प्रसाद जायसवाल और 28 अन्य नामजद हैं। आरोप है कि शुभम ने वरणासी के न्यू वृद्धि फार्मा मेडिकल स्टोर के जरिए हिमाचल प्रदेश की फैक्टरी से फार्मेसील कफ सिरप खरीदा, गाजियाबाद में स्टॉक किया और फर्जी बिल-ई-वे बिल बनाकर बंगाल, बांग्लादेश और नेपाल तक तस्करी की। STF जांच में पता चला कि शुभम ने शैलि ट्रेडर्स जैसे फर्जी फर्म बनाकर 100 करोड़ से ज्यादा का कारोबार किया। वाराणसी, गाजियाबाद, सोनभद्र, आगरा और अन्य जिलों में 10+ FIR दर्ज हैं।
आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम को दो पासपोर्ट मामले में 7 साल की सजा
शुभम के पिता भोला प्रसाद को 29 नवंबर को कोलकाता एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया, जब वे थाईलैंड भागने की कोशिश कर रहे थे। सोनभद्र पुलिस ने उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर ले जाकर जेल भेजा। पूछताछ में भोला ने बेटे पर फर्जी बिलिंग का आरोप लगाया। STF ने अब तक 5+ गिरफ्तारियां की हैं, जिसमें एक डिसमिस्ड कांस्टेबल अलोक सिंह भी शामिल है। अलोक ने खुलासा किया कि शुभम ने अजमगढ़ के वकील विकास सिंह के जरिए नेटवर्क बनाया।
अन्य आरोपी जैसे वरुण सिंह, गौरव जायसवाल और विशाल मेहरोत्रा दुबई भाग चुके हैं। शुभम पर गाजियाबाद और वाराणसी में अलग FIR हैं। कोर्ट अगले सप्ताह BNS धाराओं, FIR वैधता और गिरफ्तारी संरक्षण पर फैसला लेगी। सपा ने इसे भाजपा की साजिश बताया, जबकि STF का कहना है कि यह ड्रग नेटवर्क के खिलाफ सख्ती है। मध्य प्रदेश में कफ सिरप से मौतों के बाद UP में जांच तेज हुई है।
