भारत के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण पुरातात्विक खोज 127 साल बाद भारत आए भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष

नई दिल्ली।  के पवित्र पिपरहवा अवशेष 127 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद भारत वापस लाए गए हैं। एक ऐतिहासिक सांस्कृतिक विजय के रूप में, संस्कृति मंत्रालय ने पवित्र पिपरहवा बुद्ध अवशेषों को सफलतापूर्वक भारत वापभगवान बुद्धस लाना सुनिश्चित किया है, जिनकी कीमत कई मिलियन डॉलर आंकी गई है। ये अवशेष – जिनके बारे में व्यापक रूप से माना जाता है कि वे भगवान बुद्ध के पार्थिव अवशेषों से जुड़े हैं – हांगकांग में एक नीलामी में पाए गए थे, जहां इनके निजी हाथों में जाने का खतरा था। हालांकि एक त्वरित और समन्वित प्रयास में, मंत्रालय ने गोदरेज इंडस्ट्रीज समूह के सहयोग से नीलामी को रोकने और इन्हें स्वदेश वापस लाने के लिए हस्तक्षेप किया।

संस्कृति मंत्रालय ने एक बयान में कहा ब्रिटिश सिविल इंजीनियर विलियम क्लैक्सटन पेप्पे द्वारा 1898 में उत्तर प्रदेश के पिपरहवा में खोजे गए अवशेषों को भगवान बुद्ध के पार्थिव अवशेषों से जुड़ा हुआ माना जाता है। तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व के आसपास भगवान बुद्ध के अनुयायियों द्वारा प्रतिष्‍ठापित ये अवशेष लंबे समय से वैश्विक बौद्ध समुदाय के लिए अत्यधिक आध्यात्मिक महत्व रखते रहे हैं और भारत के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण पुरातात्विक खोजों में से एक हैं।
केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस वापसी को राष्ट्रीय गौरव का विषय बताते हुए कहा यह हमारी खोई हुई विरासत की वापसी का एक सबसे महत्वपूर्ण उदाहरण है और हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता और पहल के बिना यह संभव नहीं होता।

प्रधानमंत्री मोदी ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया हमारी सांस्कृतिक विरासत के लिए एक आनंददायक दिन! यह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है कि भगवान बुद्ध के पवित्र पिपरहवा अवशेष 127 साल बाद भारत लौटे हैं। ये अवशेष भारत की भगवान बुद्ध और उनकी शिक्षाओं से गहरे जुड़ाव को दर्शाते हैं। यह हमारी समृद्ध संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को संरक्षित और सुरक्षित रखने की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।

संस्कृति मंत्रालय के अनुसार पवित्र पिपरहवा अवशेषों का जल्द ही एक विशेष समारोह के दौरान औपचारिक रूप से अनावरण किया जाएगा। उन्हें सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए रखा जाएगा, जिससे नागरिक तथा वैश्विक आगंतुक इन दुर्लभ कलाकृतियों को देख सकेंगे और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे। यह पहल पीएम मोदी की व्यापक पहल के अनुरूप है, जो दुनिया भर से भारत की प्राचीन सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक विरासत को पुनः प्राप्त करने और उन्हें भारत वापस लाने के लिए है। पिपरहवा अवशेषों की वापसी शांति, करुणा तथा बुद्ध के शाश्वत मूल्यों के वैश्विक संरक्षक के रूप में भारत की स्थिति को और सशक्त बनाती है।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)

homeslider National

इंडिगो का हाहाकार: DGCA ने वीकली रेस्ट नियम तत्काल वापस लिया

 1300+ फ्लाइट्स कैंसल के बाद यात्रियों को राहत – लेकिन 10 फरवरी तक सामान्यीकरण! नई दिल्ली। इंडिगो एयरलाइंस के संकट ने पूरे एविएशन सेक्टर को हिला दिया है। पिछले चार दिनों में 1300 से ज्यादा उड़ानें रद्द होने के बाद डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने तुरंत कदम उठाया। एयरलाइंस कर्मियों के लिए वीकली […]

Read More
National

मक्का-मदीना में CCTV लगे हैं तो भारत में मस्जिद-मदरसों में क्यों नहीं?

 रामायण के ‘राम’ अरुण गोविल की लोकसभा में दो टूक मांग नई दिल्ली। लोकसभा के शून्यकाल में मेरठ से भाजपा सांसद और ‘रामायण’ के श्रीराम बने अरुण गोविल ने एक ऐसा मुद्दा उठाया कि सदन में सन्नाटा छा गया। उन्होंने कहा, “देश के हर बड़े सार्वजनिक स्थल – मंदिर, गुरुद्वारा, चर्च, स्कूल, अस्पताल, बाजार, मॉल […]

Read More
Delhi National

इंडिगो का ब्लैकआउट: 400+ फ्लाइट्स कैंसल, दिल्ली एयरपोर्ट पर सभी घरेलू उड़ानें रद्द

नई दिल्ली | इंडिगो एयरलाइंस का संकट यात्रियों के लिए अब एक लंबे बुरे सपने में बदल गया है। लगातार चौथे दिन देशभर के प्रमुख एयरपोर्ट्स पर अफरा-तफरी का आलम है। शुक्रवार को 400 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसल हो चुकी हैं, जिसमें दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सभी घरेलू उड़ानें मध्यरात्रि तक […]

Read More