लखनऊ जेल में उठा 28 लाख में कैंटीन का ठेका!

  • IG जेल को नहीं दिख रहा लखनऊ जेल का भ्रष्टाचार
  • घटिया भोजन परोस कर बढ़ाई जा रही कैंटीन की बिक्री

लखनऊ। प्रदेश के जेलों की बात छोड़िए आईजी जेल के नाक के नीचे की राजधानी की जिला भ्रष्टाचार का बोलबाला है। इस जेल में कैंटीन का ठेका 28 लाख में उठा है। यह ठेका जेलकर्मियों में चर्चा का विषय बना हुआ है। चर्चा है कि जेल अधिकारी कमाई का कोई मौका छोड़ना नहीं चाह रहे हैं। बंदियों को घटिया भोजन परोस कर जेल अधिकारी कैंटीन की कमाई से जेब भरने में जुटे हुए है। आलम यह है कि जेलों में बंदियों को कैंटीन से दूध जलेबी खिलाकर नाश्ते में मिलने वाली खाद्य सामग्री बचाकर प्रतिमाह लाखों रूपये की कमाई करने में जुटे हुए है। मजे की बात यह है कि आईजी जेल को निरीक्षण के दौरान यह सच दिखाई ही नहीं पड़ता है।

कारागार विभाग के डीजी पुलिस व आईजी जेल मीटिंग करने में व्यस्त है वहीं जेल अधिकारी कमाई करने में जुटे हुए हैं। राजधानी की जिला जेल में बंदियों के राशन में बेतहाशा कटौती की जा रही है। कटौती के राशन की खपत जेल में चल रही कैंटीन में बनने वाली खाद्य सामग्री छोला चावल, छोला भटूरा, ब्रेड पकौड़ा, समोसा, पूड़ी सब्जी, अंडा करी इत्यादि में की जा रही है। सूत्रों का कहना है कैंटीन का ठेका दो लोगों को 28 लाख में दिया गया है। यह दो लोग एक एक पखवारे में कैंटीन का संचालन करेंगे। कैंटीन में अधिकारी और सुरक्षाकर्मी अनाप शनाप दामों पर खाद्य वस्तुएं बेंचकर अपनी जेब भरने में जुटे हुए हैं।

सूत्र बताते है कि जेल मैनुअल में बंदियों और कैदियों को नाश्ता, दोपहर और शाम का भोजन दिए जाने का प्रावधान है। इसके लिए प्रतिमाह लाखों रूपये की खरीद फरोख्त की जाती है। नाश्ते में बंदियों को चाय के साथ गुड़, चना, दलिया और एक फल (केला) दिए जाने की व्यवस्था है। सूत्र बताते है कि गरीब बंदियों को छोड़कर कैंटीन में बिकने वाली दही जलेबी खाने वाले बंदी नियमित वितरित होने वाला नाश्ता लेते ही नहीं है। यह बचा हुआ नाश्ता जेल अधिकारियों की कमाई का जरिया बन गया है। अधिकारी बचे हुए नाश्ते की सामग्री को बेचकर अपनी जेब भरने में जुटे हुए हैं। विभाग के आईजी जेल समेत अन्य आला अफसर सब कुछ जानकर अंजान बने हुए है। इस संबंध में जब लखनऊ जेल परिक्षेत्र के डीआईजी रामधनी से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो कई प्रयासों के बाद भी उनका फोन नहीं उठा। उधर जेल अधिकारियों ने लगाए गए आरोपों को सिरे से ही नकार दिया।

कैंटीन में मनमाने दामों पर बिक रही खानपान की वस्तुएं

आईजी जेल जेलों में बंदियों को समस्याओं का निस्तारण कराने के बजाए मीटिंग करने में व्यस्त है। बीते दिनों उन्होंने नाक के नीचे की एक जेल का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण में उन्हें कोई कमी नहीं मिली। इस जेल की कैंटीन में पनीर की सब्जी 100 रुपए में, आलू पराठा 40 रुपए में दो, अंडा करी 80 रुपए में, छोला सब्जी 70 रुपए में, पूड़ी सब्जी 40 रुपए में, खस्ता 40 रुपए में दो, आलू परवल सब्जी 50 रुपए में, अंडा करी-कीमा 70 रुपए में, वेज बिरयानी 40 रुपए में और सलाद (एक टमाटर, दो प्याज, पांच हरी मिर्च) 50 रुपए में खुलेआम बेचा जा रहा है। यह तो बानगी है। इस प्रकार तमाम खानपान की वस्तुओं को मनमाने दामों पर बेचकर अधिकारी मोटी कमाई करने में जुटे हुए हैं।

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