- अमेरिका के रेडमंड शहर की पहली भारतीय-अमेरिकी महिला काउंसलर बनीं, गीता हाथ में लेकर ली शपथ
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की बेटी मेनका सोनी ने विदेश में भारतीय संस्कृति और प्रतिभा का डंका बजा दिया है। वॉशिंगटन राज्य के टेक हब रेडमंड शहर (माइक्रोसॉफ्ट का वैश्विक मुख्यालय) में वह पहली प्रवासी भारतीय-अमेरिकी महिला सिटी काउंसलर चुनी गई हैं। शपथ ग्रहण के दौरान मेनका ने हाथ में श्रीमद्भगवद्गीता पकड़ी और भारतीय हैंड-एम्ब्रॉयडरी वाला खूबसूरत पैंट-सूट पहना। यह नजारा देख भारतीय-अमेरिकी समुदाय में गर्व की लहर दौड़ गई।
आगरा में जन्मीं मेनका की पढ़ाई-लिखाई लखनऊ में हुई। लखनऊ विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद करीब 20 साल लखनऊ में रहीं। फिर करियर के लिए विदेश गईं। पिछले 30 साल से वह ग्लोबल कॉर्पोरेट सेक्टर में हैं। माइक्रोसॉफ्ट, स्टारबक्स, जनरल मोटर्स और टी-मोबाइल जैसी दिग्गज कंपनियों में काम कर चुकी हैं।
राजनीतिक मैदान में भी मेनका ने धमाकेदार एंट्री की। उन्होंने आठ साल से काबिज प्रतिद्वंद्वी को हराकर यह सीट जीती। शपथ के बाद सिएटल में भारत के कांसुल जनरल प्रकाश गुप्ता ने उन्हें सम्मानित किया। समारोह में मेयर एंजेला बिर्नी और सैकड़ों भारतीय-अमेरिकी मौजूद रहे।
सेवा के क्षेत्र में भी मेनका बेमिसाल हैं। वह AmPowering नाम की गैर-लाभकारी संस्था चलाती हैं, जिसने अब तक 5 लाख से ज्यादा लोगों की मदद की है। महिला सशक्तिकरण, घरेलू हिंसा, युवा विकास, मानसिक स्वास्थ्य और बेघर लोगों की सहायता में उनका योगदान अतुलनीय है। यूएस कांग्रेस ने उन्हें Top-20 Influential Women Award और राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 2024 में प्रेसीडेंट लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया।
जीत के बाद मेनका ने कहा, “यह मेरी नहीं, पूरे समुदाय की जीत है। गीता हाथ में लेकर शपथ लेना मेरे लिए सत्य, कर्तव्य और सेवा की याद दिलाता है। मैं इन्हीं मूल्यों पर चलूंगी।” उन्होंने अपने कार्यकाल में सामुदायिक सहभागिता, किफायती आवास, छोटे व्यवसायों का समर्थन, शहर की सुरक्षा और हर आवाज को सम्मान देने का वादा किया।
