भारत ने अपनी बढ़ती समुद्री ताकत को हिंद-प्रशांत देशों के सामने किया

शाश्वत तिवारी

मुंबई। भारत ने 30 अक्टूबर को यहां पहले ‘क्वाड पोर्ट्स ऑफ द फ्यूचर’ सम्मेलन की मेजबानी की, जिसमें 24 हिंद-प्रशांत देशों के 120 प्रतिनिधियों ने लचीले, सुरक्षित और भविष्य के लिए तैयार बंदरगाहों के निर्माण के तरीकों पर चर्चा की। यह वार्ता समुद्री क्षेत्र के लिए एक साझा क्वाड दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने पर केंद्रित रही। इस अवसर पर भारत ने अपनी बढ़ती समुद्री ताकत को हिंद-प्रशांत देशों के समक्ष प्रस्तुत किया और भविष्य के बंदरगाहों के मजबूत बुनियादी ढांचे तथा सुरक्षा एवं स्थिरता पर सहयोग मजबूत करने पर जोर दिया।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा विषयगत पैनल चर्चा लचीले, सुरक्षित और भविष्य के लिए तैयार बंदरगाहों के लिए एक साझा क्वाड दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने पर केंद्रित थी, जिसमें बुनियादी ढांचे, वित्तपोषण, नियामक ढांचे, कार्यबल विकास, प्रौद्योगिकी, डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र, साइबर सुरक्षा एवं स्थिरता पर सहयोग को मजबूत करना शामिल है।

भारत की बढ़ती समुद्री ताकत पर अपने विचार साझा करते हुए, पीएम नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच लिंक्डइन पर एक पोस्ट में कहा कि भारत अपनी लंबी तटरेखा, रणनीतिक व्यापार मार्गों और महत्वाकांक्षी ब्लू इकोनॉमी विजन के साथ निवेश के लिए एक आदर्श बंदरगाह प्रदान कर सकता है। वैश्विक समुद्री उद्योग के दिग्गजों को भारत में आने और निवेश करने के लिए आमंत्रित करते हुए पीएम मोदी ने कहा हमारे पास एक बहुत लंबी तटरेखा है। हमारे पास रणनीतिक वैश्विक व्यापार मार्ग, विश्वस्तरीय बंदरगाह और नीली अर्थव्यवस्था के विकास के लिए एक महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण है। हमारे पास बुनियादी ढांचा, नवाचार और इरादे हैं। हमारे युवाओं की बदौलत हमारा पारिस्थितिकी तंत्र नवाचार के लिए तैयार है।

पीएम मोदी के अनुसार एक दशक पहले जब उन्होंने पदभार संभाला था, तब भारत का समुद्री क्षेत्र “पुराने कानूनों और सीमित क्षमताओं” से भरा हुआ था, जबकि आज यह क्षेत्र आधुनिक बुनियादी ढांचे, वैश्विक विश्वास और राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक के रूप में परिवर्तित हो गया है। प्रधानमंत्री ने पुष्टि की कि इन वर्षों में भारत की बंदरगाह क्षमता 1,400 एमएमटीपीए से दोगुनी होकर 2,762 एमएमटीपीए हो गई है। कार्गो हैं डलिंग 972 एमएमटी से बढ़कर 1,594 एमएमटी हो गई है, जिसमें वित्त वर्ष 2024-25 में 855 एमएमटी शामिल है। भारत समुद्री सप्ताह 2025 के भाग के रूप मुंबई में मैरीटाइम लीडर्स सम्मेलन में भाग लेते हुए पीएम मोदी ने कहा पिछले 11 वर्षों में भारत के समुद्री क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव आया है। हमें गर्व है कि आज हमारे बंदरगाह दुनिया के सबसे कुशल बंदरगाहों में विकसित हो रहे हैं। हमें साथ मिलकर शांति, प्रगति और समृद्धि की ओर बढ़ना है और एक सतत भविष्य का निर्माण करना है।

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