- कांग्रेस ने इस बयान को शर्मनाक बताया, एससीबीए भी वकील घटना के खिलाफ
- अनिरुद्धाचार्य और यूट्यूबर अजीत भारती पर हमले के लिए उकसाने का आरोप
- बौद्ध कार्यकर्ता सूरज कुमार ने अवमानना के लिए अर्टानी जनरल से अनुमित मांगी
नया लुक संवाददाता
नयी दिल्ली। देश के चीफ जस्टिस बीआर गवई पर पिछले दिनों हुयी जूता फेंकने की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। इसे CJI का बड़प्पन ही कहा जाएगा कि उन्होंने इस शर्मनाक और हैरान करने वाली घटना को और उसके जिम्मेदार वकील को ‘ जाने भी दो यारो’ की तर्ज पर तूल नहीं बनने दिया और वहीं विराम दे दिया। इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक दुख जता चुके हैं पर इसके बावजूद बीजेपी के कुछ नेता हमलावर वकील का महिममंडन करने में लगे हुए हैं। कर्नाटक बीजेपी के एक नेता ने तो हमलावर वकील की हिम्मत की सराहना तक कर डाली। वहीं मिशन अम्बेडकर के संस्थापक व दलित और बौद्ध कार्यकर्ता सूरज कुमार बौद्ध ने भारत के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटारमणि को पत्र लिखकर उपदेशक अनिरुद्धाचार्य और यूट्यूबर अजीत भारती के खिलाफ आपराधिक अवमानना की की अनुमति मांगी है।
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एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक के बीजेपी नेता और पूर्व बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर भास्कर राव का बयान सोशल मीडिया में छाया हुआ है। उन्होंने कोर्ट रुम में CJI पर हमला करने वाले वकील की ‘हिम्मत’ की तारीफ कर डाली है। बता दें कि आरोपी निलंबित वकील किशोर ने अपने कृत्य पर पछतावा जताने तक से इनकार कर दिया कर्नाटक बीजेपी नेता भास्कर राव ने आरोपी वकील राकेश किशोर की तारीफ करते हुए कहा, ” भले ही यह कानूनी तौर पर बेहद गलत हो, लेकिन मैं आपकी हिम्मत की सराहना करता हूं।

आपके इस उम्र में साहस दिखाकर खड़े होने और इसके नतीजों की परवाह न करने का रवैया, वाह!” राव के इस बयान ने विपक्ष को भड़का दिया। कांग्रेस के नेता मंसूर खान ने इस बयान पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि भले ही यह कानूनी तौर पर बेहद गलत हो, आप उनकी हिम्मत की तारीफ कर रहे हैं ? वे कहते हैं कि एक पूर्व आईपीएस अधिकारी का ऐसा शर्मनाक बयान ! वे पूर्व कमिश्नर और बीजेपी नेता पर सवाल खड़े करते हुए कहते हैं कि आपने कभी कानून का सम्मान किया था, अब चीफ जस्टिस का अपमान करने वाले के साथ खड़े हैं। ये क्या गिरावट है?
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इस घटना की व्यापक निंदा हो रही है। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने वकील के रवैए की कड़ी निन्दा करते हुए एक संकल्प पारित किया। सोशल मीडिया पर कुछ लोगों की तरफ से चीफ जस्टिस के बयान पर पहले ही विवाद हो चुका था,। CJI न इसके जवाब में उन्होंने सभी धर्मों के प्रति सम्मान जताया था पर इसके बावजूद ये लोग नहीं माने और लगातार चीफ जस्टिस के बारे में उल्टी सीधी बातें लिखते रहे।

विपक्ष कहने लगा है कि न्यापालिका और सरकार के रिश्तों के बारे में जो छुपी थीं अब वो सार्वजनिक हो चुकी हैं। प्रशांत भूषण जैसे लोगों ने खुलकर आरोप लगाना शुरू कर दिया है कि जजों की ब्लैकमेलिंग के लिए बीजेपी ने पूरा तंत्र बना रखा है, इसलिए सरकार की मर्जी के खिलाफ किसी भी फैसले पर आना नामुमकिन है।
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वहीं दूसरी तरफ ताजा घटनाक्रम के अनुसार उन्होंने दलित व बौद्ध कार्यकर्ता सूरज कुमार ने आरोप लगाया है कि इन दोनों ने चीफ जस्टिस बीआर गवई पर हमले की कोशिश के लिए उकसाया है। सूरज कुमार बौद्ध ने अपने पत्र में 21 सितंबर को सोशल मीडिया पर वायरल हुए अनिरुद्धाचार्य (अनिरुद्ध राम तिवारी) के एक वीडियो का हवाला दिया है। इस वीडियो में अनिरुद्धाचार्य ने भगवान विष्णु की मूर्ति से संबंधित एक मामले में चीफ जस्टिस गवई की टिप्पणियों को लेकर कथित तौर पर धमकी दी थी । बौद्ध ने अजीत भारती द्वारा यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया मंचों पर दिए गए आपत्तिजनक बयानों का भी उल्लेख किया। वहीं पीटीआई के मुताबिक नोएडा पुलिस ने मंगलवार को अजीत भारती से पूछताछ की थी। भारती ने कहा कि उन्हें उनके हालिया सोशल मीडिया पोस्ट के संबंध में बुलाया गया था। पुलिस ने बताया कि भारती को पहले सेक्टर 58 पुलिस स्टेशन और बाद में सेक्टर 12-22 चौकी पर डीसीपी कार्यालय में पूछताछ के लिए ले जाया गया। उन्हें उनके हालिया ‘एक्स’ पोस्ट के संबंध में जांच के लिए बुलाया गया था। उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है।

