नई दिल्ली। लखनऊ के देश प्रदेश में तैनात पुलिस के आला-अधिकारी भले ही क्राइम को कंट्रोल को लेकर तरह-तरह के दावे कर रहे हो लेकिन बदमाशों का हौसला पोस्ट होने के बजाय बढ़ता है जा रहा है ऐसा ही एक मामला कर्नाटक राज्य विजयपुरा में बुधवार को असलाहों से लैस बेखौफ बदमाशों ने स्टेट बैंक में दिनदहाड़े ढाबा बोल दिया और वहां पर मौजूद सभी कर्मचारियों को गन पॉइंट पर लेकर करोड़ों की डकैती डालकर पुलिस को खुली चुनौती दे डाली
सेना की वर्दी और मास्क में पहुंचे डकैत
मिली जानकारी के अनुसार तीन से पाँच बदमाश सेना जैसी ड्रेस और चेहरे पर मास्क पहनकर बैंक के भीतर घुसे। बैंक में प्रवेश करने से पहले उन्होंने खाता खुलवाने का बहाना बनाया ताकि किसी को शक न हो। लेकिन जैसे ही मौका मिला, उन्होंने बैंक स्टाफ और मैनेजर को हथियार दिखाकर बंधक बना लिया। कर्मचारियों के हाथ–पाँव रस्सियों से बाँध दिए गए ताकि कोई मदद न बुला सके।
लॉकर से निकाला सोना और नकद
डकैतों ने पहले बैंक में रखी नकदी अपने कब्जे में ली, जो लगभग 1.04 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इसके बाद उन्होंने लॉकर तोड़कर करीब 20 किलो सोना निकाल लिया, जिसकी कीमत तकरीबन 20 करोड़ रुपये आंकी गई है। इस तरह कुल नुकसान करीब 21 करोड़ रुपये का हुआ।
वारदात के दौरान फायरिंग
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि आरोपियों ने कर्मचारियों को डराने के लिए वारदात के दौरान फायरिंग भी की। इससे बैंक परिसर में दहशत फैल गई। सौभाग्य से किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन सभी कर्मचारी गहरी दहशत में हैं।
पुलिस जांच में जुटी
सूचना मिलते ही विजयपुरा पुलिस और विशेष टीमें मौके पर पहुँचीं। आसपास के इलाक़े में नाकेबंदी कर चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। बैंक के CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं और यह पता लगाया जा रहा है कि वारदात में कितने लोग शामिल थे। शुरुआती जांच में लुटेरों के पेशेवर होने की आशंका जताई जा रही है।
जनता में खौफ, सवालों के घेरे में सुरक्षा
इस घटना ने बैंक सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। दिनदहाड़े इतनी बड़ी डकैती हो जाना सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी चूक मानी जा रही है। स्थानीय लोग भी दहशत में हैं और पुलिस से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। यह घटना न केवल कर्नाटक बल्कि पूरे देश के लिए चौंकाने वाली है, क्योंकि SBI जैसी प्रमुख बैंक शाखा में इतनी बड़ी डकैती होना सुरक्षा इंतज़ामों की गंभीर कमी को उजागर करता है। पुलिस की कोशिश है कि जल्द से जल्द अपराधियों को पकड़कर लूट का माल बरामद किया जाए।
