- बंदियों के हेयर सैलून को मसाज पार्लर में किया तब्दील
- मसाज के नाम पर बंदियों से हो रही अनाप शनाप वसूली
- हाता, मशक्कत, गिनती कटवाने के दामों में हुई बेतहाशा बढ़ोत्तरी
- कैंटीन में हो रही बंदियों के राशन में की गई कटौती की खपत
नया लुक संवाददाता
लखनऊ। न बाप बड़ा न भइया सबसे बड़ा रुपइया…यह कहावत मोटी रकम देकर मैनपुरी से बुलंदशहर महिला जेल अधीक्षक पर एकदम फिट बैठती है। अधीक्षक वसूली के लिए आए दिन नए नए हथकंडे अपना रहीं है। हेयर सैलून को मसाज पार्लर बनाकर बंदियों से अनाप शनाप वसूली कराई जा रही है। कैंटीन, मशक्कत, मुलाहिजा, हाता के साथ नई वसूली का यह मामला जेलकर्मियों में चर्चा का विषय बना हुआ है। अटकलें यहां तक लगाई जा रही है कि महिला अधीक्षक मातहत अधिकारियों की हिस्सेदारी तक को गटक जा रही हैं। उधर विभाग के आला अफसर जांच कराने की बात कहकर मामले को टाल रही है।
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मिली जानकारी के मुताबिक मैनपुरी जेल में विवादों में रहने वाली महिला जेल अधीक्षक ने विभागीय मंत्री, प्रमुख सचिव से सेटिंग गेटिंग कर स्थानांतरण सत्र में अपना तबादला बुलंदशहर जेल पर करा लिया। सूत्रों का कहना है कि बुलंदशहर जेल में प्रभार संभालते ही नई महिला जेल अधीक्षक ने हाता, मशक्कत, कैंटीन, गिनती कटवाने और मुलाकात के दामों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी कर हर मद में वसूली को बढ़ा दिया। पूर्व में गिनती कटवाने के लिया 4 से 5 हजार रुपए लिए जाते थे उसको बढ़ाकर 10 से 15 और 20 से 25 हजार तक कर दिया गया है। इसी प्रकार बंदियों के राशन में अनाप शनाप कटौती किए राशन की खपत कैंटीन में बेची जा रही खानपान की वस्तुओं में की जा रही है। कैंटीन ने बाहर से तीन से चार गुना अधिक दामों में छोला भटूरा, सब्जी पूड़ी, खस्ता, समोसा इत्यादि बेचकर जमकर कमाई की जा रही है।
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सूत्र बताते हैं कि यही नहीं अवैध वसूली के बंदियों के लिए बनाए गए हेयर सैलून को मसाज पार्लर में तब्दील कर दिया गया है। मसाज के लिए जेल के बाहर से एक व्यक्ति को बुलाया भी जाता है। बंदियों की मसाज करवाकर जमकर वसूली की जा रही है। बताया गया है कि मोटी रकम देकर मैनपुरी से बुलंदशहर जेल पहुंची महिला अधीक्षक मातहत अधिकारियों और कर्मचारियों की हिस्सेदारी तक को हजम कर ले रही है। इससे मातहत अधिकारियों में खासा आक्रोश भी है। अधीक्षक के अनाप शनाप वसूली और घटिया भोजन परोसे जाने को लेकर बंदी भूख हड़ताल भी कर चुके है। इसके कुछ दिन बाद ही स्थित फिर से जस की तस हो गई है। जेल में अवैध वसूली और उत्पीड़न से बंदियों के साथ साथ बंदीरक्षक और अधिकारी भी काफी त्रस्त हैं।
जिम्मेदार अधिकारी नहीं उठाते फोन
बुलंदशहर जेल में महिला जेल अधीक्षक की तानाशाही और जेल में व्याप्त अराजकता के संबंध में जब कारागार मंत्री दारा सिंह चौहान और प्रमुख सचिव कारागार अनिल गर्ग से बात करने का प्रयास किया गया तो कई प्रयासों के बाद भी उनसे बात नहीं हो पाई। मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जेल से शिकायतें आने की बात तो स्वीकार की लेकिन शिकायतों के बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया।
