ओशो वाणी जानिए क्या होता है ढाई आखर के प्रेम का मर्म
छोटा सा ‘प्रेम’ शब्द है–ढ़ाई आखर प्रेम के… कोई बड़ा शब्द नहीं है, छोटा सा। ‘इक लफ्जे-मोहब्बत का अदना ये फसाना है!’ उसकी छोटी सी कहानी है, मगर उससे बड़ी और कोई कहानी नहीं। उस छोटे से शब्द में सब समा गया है–सारे शास्त्र! कबीर ने कहाः ढाई आखर प्रेम के, पढ़ै सो पंडित होय। … Continue reading ओशो वाणी जानिए क्या होता है ढाई आखर के प्रेम का मर्म
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