कविता : सज्जन इंसान सर्वत्र कहाँ होते हैं

सारे पर्वत माणिक्य नहीं देते हैं, सारे हाथी गजमुक्त नहीं रखते हैं, चन्दन सब बागों में नहीं मिलता है, सज्जन इंसान सर्वत्र कहाँ होते हैं। हर नेता ईमानदार नहीं होता है, हर नेता बेईमान भी नहीं होता है, हर अफ़सर कर्तव्यपरायणता में, हर समय तल्लीन नहीं होता है। सारे राजा राजा जैसे जनता के सच्चे … Continue reading कविता : सज्जन इंसान सर्वत्र कहाँ होते हैं