रामराज्य में बाधक रिश्वत-कमीशन खोरी

लोभ का प्रतीक था रावण अहंकार-कुंभकर्ण,काम-मेघनाद चाल रहा हर विभाग को ऊपरी आमदनी लोभ पाप का मूल लोभ पाप की जड़ है, ऐसा मेरे पितामह कहते थे। लोभ की एक बड़ी विशेषता यह है कि इसका पेट कभी नहीं भरता। ‘जि VVमि प्रति लाभ लोभ अधिकाई’ ज्यों ज्यों लाभ मिलता जाता है,लोभ बढ़ता जाता हैं। … Continue reading रामराज्य में बाधक रिश्वत-कमीशन खोरी