कविता : हवा हवायें हैं, सब हवा हवायें हैं

हवा हवायें हैं,सब हवा हवायें हैं, हवा हवायें हैं, सब हवा हवायें हैं। सारे वादे, सारे नारे बस हवा हवायें हैं, कोई कहता है हम करके दिखलायेंगे, कोई कहता पहले कर दिखलाये हैं, हवा हवायें हैं, सब हवा हवायें हैं। हवा हवायें हैं, सब हवा हवायें हैं।   धन अर्जन इतिहास सत्य अत्यंत, अजब अन्वेषण, … Continue reading कविता : हवा हवायें हैं, सब हवा हवायें हैं