तू पात-पात, मैं घुमूँ डाली-डाली

दसवीं फेल आज घूम रहे हैं, बीएमडब्ल्यू जैसी लम्बी कारों में, पढ़े लिखे अब रिक्शा चलाते, सवारियाँ ढोते दिखते बाज़ारों में। शिक्षक आज न शिक्षा दे पाते, चुनाव ड्यूटी में उलझे रहते हैं, मतदाता सूची में हेर-फेर कर, नेता नगरी के बन जाते चमचे हैं। स्वर्ग जाने हेतु खुद ही मरना पड़ता है अस्पताल में … Continue reading तू पात-पात, मैं घुमूँ डाली-डाली