पांच दिन से फंसे पर्यटकों के समक्ष भोजन की भी संकट
भैरहवा। मुस्तांग जिले में स्थित मुक्तिनाथ नाम गए भैरहवा का हरीश सेठिया परिवार भूस्खलन के कारण पिछले चार पांच दिनों से फंसा हुआ है। परिवार के कुल दस सदस्य हैं जो वापस आते समय रास्ते में फंसे गए। सेठिया परिवार को व्यवसाय के साथ समाजसेवी के रूप में भी जाना जाता है।
दुर्गा अष्टमी को वे भाई, भाभी, मां, बच्चे, ड्राइवर समेत 10 लोगों के साथ मुक्तिनाथ के दर्शन करने गए थे। फोन से बात कर सेठिया ने शिकायत की कि यहां के प्रशासन ने नेपाल के पर्यटन विकास के उद्देश्य को नजरंदाज किया। 5 दिनों से हमारे परिवार जैसे सैकड़ों परिवार यहां फंसे हुए हैं। स्थानीय प्रशासन से राहत के लिए बार-बार अनुरोध किया गया, कोई नतीजा नहीं निकला।
भूस्खलन की शुरुआत रास्ते में लौटते वक्त हुई। भूस्खलन के कारण वहां 2 दिन रुकने के बाद स्थानीय प्रशासन ने उसी वार्ड के सदस्य बिक्रम गौचन की मदद से वहां रुके यात्रियों को निकाला। किसी तरह वे सभी लोग 3 किलोमीटर ही चल पाए थे कि खैरा नामक स्थान पर भूस्खलन से सड़क फिर से अवरुद्ध हो गई। भारी संख्या में पर्यटक अपने वाहनों के साथ म्यागड़ी के पास रुके हुए हैं। सेठिया का कहना है कि कुछ विदेशी पर्यटक पैदल ही पोखरा जा रहे हैं। “हमारे साथन केवल नेपाली हैं, बल्कि अधिकांश भारतीय पर्यटकों सहित अन्य देशों के पर्यटक भी हैं।”
सेठिया ने कहा, ‘पांच दिन बाद भी सड़क खुलने का कोई आशा नहीं देखकर कुछ पर्यटक गाड़ी को छोड़कर पैदल ही निकल पड़े। उनके मुताबिक भारतीय पर्यटक ज्यादा चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि जिन भारतीयों ने एक निश्चित अवधि के लिए अपने वाहन परमिट बनवाए थे, वे समय पर नहीं निकल पाने से चिंतित थे। सेठिया ने बताया कि जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन से किसी भी स्तर के सहयोग की संभावना नहीं है। फोन करने पर सभी एक दूसरे पर थोप कर पल्ला झाड़ ले रहै हैं। वहीं कुछ स्थानीय लोग भोजन और आवास की व्यवस्था कर रहे हैं। यह कब तक रहेगा,कुछ नहीं पता। इस संबंध में सीडीओ भैरावा भारत मणि ने कहा है कि वहां के सीडिओ से बात कर फंसे हुए पर्यटकों को निकाला जाएगा सेठिया का कहना है कि इस तरह की बाधाओं का नेपाल में घरेलू पर्यटन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने शिकायत की कि ऐसी स्थिति में न केवल विदेशी पर्यटक बल्कि घरेलू पर्यटक भी नेपाल घूमने नहीं आना चाहेंगे।