tolerance

Litreture

प्रेम का रंग चढ़ता चला गया

प्रेम का रंग चढ़ता चला गया, यूँ लगा कि दुनिया हमारी है, त्याग का यत्न जब सीखा तो ऐसा लगा कि जन्नत हमारी है। जीवन का साथ निभाता चला गया समस्यायें भी सुलझाता चला गया, दहशतगर्दी का शोक मनाया नहीं, बर्बादियों का दर्द भुलाता चला गया। जो कुछ मयस्सर हुआ उसको अपनी तक़दीर समझ लिया, […]

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