Satyagraha

Litreture

हर्ष हर्ष कह उठे तिरंगा जब लहराया

जब जनता जग गई देश की। भारत तब आजाद हुआ है।। क्रूर कंस द्वापर युग में था। पिता कैद कर गद्दी बैठा। सगी बहन को प्रेम भाव से- करने चला विदाई वह था। नभ से तब होगई गर्जना। तेरी मृत्यु‌ निकट है आई। भरा जेल बसुदेव देवकी, संतानों की उसने बलि ली। गांव गांव मे […]

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