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Analysis Litreture

कविता : इंसानियत

ईंट की दीवाल चुनना छोड़ दो। आदमी को आदमी से जोड़ दो।। ईंट की दीवाल तो ढह जाएगी। इंसानियत ही बस यहां बच पाएगी।।1।। दंभ का टकराव बढ़ता जारहा। युद्ध का उन्माद ही टकरा रहा।। बम धमाकों से शहर वीरान हैं। चील कौए खा रहे इंसान हैं।।2।। सज रही हैवानियत की बस्तियां। बंट रही दो […]

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Religion

शास्त्रों के अनुसार भोजन करने के पांच नियम जान लीजिए

जयपुर से राजेंद्र गुप्ता मनुष्य अपने जीवन में सुकून से दो वक्त की रोटी खा पाए इसके लिए सुबह से लेकर रात तक वह जी तोड़ मेहनत करता है। लेकिन जिम्मेदारी के चक्कर में कई बार खाना खाते समय ऐसी गलतियां हो जाती हैं, जिनका खामियाजा व्यक्ति को भुगतना पड़ता है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार […]

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Litreture

रामचरित मानस की राह

ऐसी भृकुटी तानिये, डट कर नज़र मिलाय। ना जाने किस मोड़ पर, प्रभु द्रोही मिल जाय॥ बड़े  बड़ाई ना  करैं, बड़े  न  बोलैं बोल। रहिमन हीरा कब कहे, लाख टका मेरो मोल॥ छमा बड़न को चाहिये, छोटन को उतपात। का रहीम हरि को घट्यौ, जो भृगु मारी लात॥ ‘सही मार्ग पर नहीं है प्राचीन ग्रंथों […]

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