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Litreture

कविता : ठोकर खाकर इंसान सजग हो जाता है,

मनुष्य का स्वभाव इस तरह है कि जो साथ जाना है उसे छोड़ रहे हैं, जो यहीं रह जाना है हम सभी उसे जोड़ गाँठ कर जोड़ते जा रहे हैं । प्रेम व विश्वास में एक ही समानता है, कि दो में से किसी को भी जबरदस्ती किसी में पैदा नहीं किया जा सकता है, […]

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