blurred vision
Analysis
कैटरेक्ट क्या कटा! आंखें जवां हो गईं!!
रेलवे डाक्टर मेमूना बहादुर का कौशल !! मेरा पूरा पखवाड़ा नयनों से ही जूझते बीता, उनकी मरम्मत के संग। अतः तनिक भी लिख-पढ़ नहीं पाया था। अपनी ही आंखों का यह संदर्भ है। मोतिया बिंद (कैटरेक्ट) हो गया था। दृष्टि धुंधली हो चली थी। मानो चहूंओर कोहरा ही हो। राहत पायी जब चक्षुओं पर सर्जन […]
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