Baroda Central Jail

Analysis

मेरे अनुभव दो जंगे आजादी के : 42-भारत छोड़ो, 75-एमर्जेंसी!

के. विक्रम राव अगला अनुभव मेरा हुआ, बिल्कुल निजी और गहरा था। प्रजातांत्रिक गणराज्य में कोर्ट द्वारा गैरकानूनी करार देने के बाद भी प्रधानमंत्री गद्दी से चिपकी रहीं, तो यह अमान्य है। उनका विरोध होना चाहिए। आजादी जिसका मतलब है, उसका यह तकाजा है। मुझ जैसे साधारण श्रमजीवी पत्रकार ने इस दूसरी जंगे-आजादी में प्राणपण […]

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