बिजली कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार दूसरी दिन भी जारी

प्रदेश भर में हजारों बिजली कर्मियों ने कार्य छोड़कर दिनभर विरोध प्रदर्शन किया,


लखनऊ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के आह्वान पर ऊर्जा निगमों में 29 नवम्बर से प्रारम्भ अनिश्चिकालीन कार्य बहिष्कार आज दूसरे दिन भी जारी रहा। प्रदेश भर में हजारों बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों और अभियन्ताओं ने काम बन्द कर दिन भर विरोध प्रदर्शन किये और ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के रवैये की तीव्र भर्त्सना की। आम जनता को तकलीफ न हो इस दृष्टि से कार्य बहिष्कार के चालू चरण में बिजली उत्पादन घरों, पारेषण विद्युत उपकेन्द्रों, सिस्टम ऑपरेशन और वितरण विद्युत उपकेन्द्रों की पाली में तैनात बिजली कर्मियों को कार्य बहिष्कार आन्दोलन से फिलहाल अलग रखा गया है।

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारियों राजीव सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, जीवी पटेल, जय प्रकाश, गिरीश पाण्डेय, सदरूद्दीन राना, राजेन्द्र घिल्डियाल, सुहेल आबिद, पी के दीक्षित, चन्द्रभूषण उपाध्याय, महेन्द्र राय, शशिकान्त श्रीवास्तव, मो. वसीम, सुनील प्रकाश पाल, राम चरण सिंह, एके. श्रीवास्तव, पवन श्रीवास्तव, माया शंकर तिवारी, विशम्भर सिंह, राम सहारे वर्मा, शम्भू रत्न दीक्षित, पीएस. बाजपेई, जीपी सिंह, रफीक अहमद और आरके सिंह ने आज यहां जारी बयान में ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन पर हठवादी रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि चेयरमैन बिजली कर्मियों की समस्याओं के बारे में सही तथ्य न बताकर सरकार को गुमराह कर रहे हैं जिससे ऊर्जा निगमों में कार्य का वातावरण पूरी तरह समाप्त हो गया है और टकराव बढ़ रहा है।

बिजली कर्मचारियों ने बदली रणनीति, कहां-‘प्रार्थना नहीं अब रण होगा’

उन्होंने पुनः प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा जी से प्रभावी हस्तक्षेप करने की अपील की है जिससे ऊर्जा निगमो में कार्य का वातावरण बने और बिजली कर्मियों की न्यायोचित समस्याओं का समाधान हो सके। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है। कि यदि शान्तिपूर्ण कार्य बहिष्कार आन्दोलन के कारण किसी भी बिजली कर्मी का कोई उत्पीड़न किया गया तो इसके गम्भीर परिणाम होंगे और सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मी उसी समय हड़ताल पर जाने हेतु बाध्य होंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन और चेयरमैन की होगी।

बिजली कर्मियों की मुख्य मांग है कि ऊर्जा निगमों में चेयरमैन व प्रबन्ध निदेशक के पदों पर समुचित चयन के बाद ही नियुक्ति की जाये, बिजली कर्मियों को पूर्व की तरह नौ वर्ष, 14 वर्ष एवं 19 वर्ष की सेवा के उपरान्त पदोन्नति पद का समयबद्ध वेतनमान दिया जाये, बिजली कर्मियों को कैशलेस इजाल की सुविधा दी जाये, ट्रांसफॉर्मर वर्कशॉप का निजीकरण एवं पारेषण विद्युत उपकेन्द्रों के परिचालन एवं अनुरक्षण के आउटसोर्सिंग के आदर्श निरस्त किये जाये, समस्त कार्मिकों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाये, बिजली कर्मियों की सुरक्षा हेतु प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाये, बिजली निगमों का एकीकरण कर UPSEB लि का गठन किया जाये, भत्तों का पुनरीक्षण किया जाये एवं उत्पादन प्रोत्साहन भत्ता प्रदान किया जाये, बिजली कर्मियों को मिल रही रियायती बिजली की सुविधा यथावत रखी जाये, बिजली कर्मियों/संविदा कर्मियों को बोनस का भुगतान किया जाये, संविदा कर्मियों को नियमित किया जाये, बिजली कर्मियों की वेतन विसंगतियां दूर की जायें।

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