वंदे मातरम का 150वां साल: वो गीत जो आजादी की लौ था, आज फिर विवाद की आग में
बंकिमचंद्र चटर्जी ने कलम उठाई और लिख दिया – “वंदे मातरम”। वो दौर था जब 1857 की क्रांति को कुचलकर अंग्रेज भारत को फिर से गुलाम बना चुके थे। बंकिम ने मां दुर्गा के रूप में भारत मां की पूजा की। गीत इतना ताकतवर था कि 1905 में बंग-भंग आंदोलन में ये नारा बन गया। … Continue reading वंदे मातरम का 150वां साल: वो गीत जो आजादी की लौ था, आज फिर विवाद की आग में
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