
- आशियाना परिवार की बैठक में 14 मार्च को होली मनाने का फैसला
- आशियाना में एक त्यौहार एक तिथि पर हुआ मंथन
- आमजनमानस से 14 तारीख को रंगोत्सव मनाने की अपील
नया लुक संवाददाता
लखनऊ। एक त्यौहार दो तिथियों में मनाया जाना सनातन धर्म को कमजोर करता है। त्यौहार ही तिथि में मनाया जाना चाहिए। यह बात रविवार को आशियाना परिवार की ओर से रविवार को द्विवेदी पार्क में आयोजित बैठक में राष्ट्रीय ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष शिव शंकर अवस्थी ने कही। उन्होंने आम जनमानस से अपील की कि आशियाना परिवार की तरह वह सब लोग भी होली का पर्व 14 मार्च को ही मनाए। 13 मार्च को होलिका दहन करें और 14 मार्च को धूमधाम से रंगोत्सव मनाएं।
एक त्यौहार एक तिथि विषय को लेकर आहुत की गई इस बैठक में तमाम समाजसेवियों और बुद्धजीवियों ने भाग लिया। बैठक में आशियाना परिवार के अध्यक्ष आरडी द्विवेदी, अनिरुद्ध सिंह, वरिष्ठ पत्रकार राकेश यादव, विजय दुबे, श्याम त्रिपाठी, दर्पण लखमानी, अनीता तिवारी, पंकज खंडूरी, मधु झा, हरिश्चंद्र हालकोत्सव समिति के संयोजक संजीव रस्तोगी, मंत्री लोकेश रस्तोगी, चौक होली बारात के ओम दीक्षित, चौपटिया होली बारात के रिद्धि किशोर गौड़, शंकर लाल जायसवाल, सुरेश अग्रवाल, घनश्याम राय, सीपी सिंह, डीसी चंदानी, किरण पांडेय, रेखा सिंह, पायनियर स्कूल की प्रधानाचार्य शर्मीला सिंह, साधना जग्गी, सरिता सिंह, बबीता हवेलियां समेत तमाम गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया।

आशियाना परिवार के संयोजक आरडी द्विवेदी ने बताया कि बैठक में विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों और बुद्धजीवियों ने एक मत से एक त्यौहार एक तिथि का समर्थन करते हुए कहा कि सनातन धर्म को आगे बढ़ने और एक जुट करने के लिए ऐसा होना आवश्यक है। एक त्यौहार के दो दिन होने की वजह से लोगों में पशोपेश की स्थिति बनी रहती है। इसलिए एक त्यौहार की एक ही तिथि होनी चाहिए। सभी वक्ताओं ने एक स्वर में एक त्यौहार एक तिथि का समर्थन किया। श्री द्विवेदी ने बताया कि जल्दी ही इस मामले को लेकर पत्रकार वार्ता भी आयोजित की जाएगी।