दो टूकः क्यों भारत के लोग अपना मुल्क छोड़कर, जान जोखिम में डालकर जाना चाहते हैं अमेरिका


राजेश श्रीवास्तव

क्यों भारत के लोग अपना मुल्क छोड़कर, जान जोखिम में डालकर अमेरिका जाना चाहते हैं? कितने भारतीय अवैध रूप से अमेरिका में हैं, और वो वहां कैसे पहुंचे? क्या सरकारें इस बात का पता लगाती हैं कि उनका कोई नागरिक दूसरे देश गया तो वो वापस अपने मुल्क आया या नहीं? और जो लोग डिपोर्ट होकर वापस आते हैं उनके साथ क्या होता है? जनवरी 2०22 में एक खबर आई थी. अमेरिका में अवैध तरीके से एंट्री करने की कोशिश के दौरान भारत के एक ही परिवार के चार लोगों की कनाडा-यूएस बॉर्डर पर ठंड से मौत हो गई। फिर अप्रैल 2०23 में एक और खबर आई कि गुजरात के मेहसाणा जिले के रहने वाले 4 लोगों की डेड बॉडी अमेरिका-कनाडा बॉर्डर पर मिली। ये लोग गैर-कानूनी तरह से नदी पार कर यूएस में घुस रहे थे।

ठीक इसी तरह सितंबर 2०24 में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक युवक अवैध रूप से लोहे की एक ऊंची दीवार को फांदकर दूसरी साइèड पहुंचकर खुशी का इजहार करता है, ये वीडियो मेक्सिको बॉर्डर का बताया गया। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की सरकार बनने के बाद वहां रहने वाले अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट यानी उनके देश वापस भेजा जा रहा है। अमेरिका की इमिग्रेशन एंड कस्टम्स इन्फोर्समेंट के मुताबिक करीब 18,००० अवैध भारतीय प्रवासी अमेरिका में हैं, जिनकी पहचान कर ली गई है। हालांकि ये पहली बार नहीं है जब अमेरिका ने अपने यहां अवैध तरीके से रह रहे भारतीयों को वापस भेजा है, लेकिन इस बार मामला थोड़ा अलग है। अवैध तरीकों से अमेरिका पहुंचने वाले भारतीयों की संख्या साल दर साल बढ़ती गई है। साल 2०24 में हर घंटे 1० भारतीयों ने अवैध रूप से अमेरिका में घुसने की कोशिश की।

आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर 2०23 और सितंबर 2०24 के बीच मैक्सिको या कनाडा के रास्ते अमेरिका में घुसने की कोशिश करते हुए पकड़े गए लगभग 29 लाख लोगों में से 9०,415 भारतीय थेद्ध इन लोगों के पास अमेरिका में एंट्री के लिए वैलिड डॉक्यूमेंट्स नहीं थे। 2०22-23 के दौरान करीब 96,917 भारतीयों ने बिना डॉक्यूमेंट्स के अमेरिका में घुसने की कोशिश की थी।
अमेरिका में अवैध रास्ते से घुसने के लिए एजेंट ज्यादातर दो रास्ते का सहारा लेते हैं। मैक्सिको और दूसरा कनाडा। मैक्सिको का रास्ता ज्यादा मुश्किल भरा है, शायद यही वजह है कि साल 2०24 में 25,616 भारतीयों ने मेक्सिको के रास्ते अवैध तरीके से अमेरिका पहुंचे, जबकि 43,764 ने कनाडा के रास्ते एंट्री की। एक तरफ -3०,-35 डिग्री टेंप्रेचर तो दूसरी ओर जंगल और गर्मी के साथ डोनाल्ड ट्रंप की बनाई ऊंची दीवार।

माइग्रेशन पॉलिसी इंस्टीट्यूट (एमपीआई) के मुताबिक अमेरिका में करीब 375,००० भारतीय अवैध तरीके से अमेरिका में रह रहे हैं, थिकटैंक प्यू रिसर्च सेंटर के आंकड़े बताते हैं कि अनुमान के मुताबिक साल 2०22 तक अमेरिका में 7 लाख से ज्यादा ऐसे भारतीय थे, जिनके पास वहां रहने के लिए वैध दस्तावेज नहीं थे, यह मेक्सिको और अल सल्वाडोर के नागरिकों के बाद तीसरी सबसे बड़ी तादाद है। साल 2०18 और 2०23 के बीच इमिग्रेशन एंड कस्टम्स इन्फोर्समेंट (आईसीई) ने कुल 5,477 भारतीयों को अमेरिका से डिपोर्ट किया। 2०23-24 में 1,1०० से ज्यादा भारतीय नागरिकों को डिपोर्ट किया, हालांकि ये 11०० भारत के किस राज्यों के रहने वाले थे, और क्यों और कैसे अमेरिका गए थे इसकी जानकारी सामने नहीं आई थी ।

अमेरिका में अवैध तरह से रह रहे अप्रवासियों के आंकड़ों को देखा जाए तो यह अमेरिकी आबादी का महज 3 फीसदी हैं। वहीं, अमेरिका में रह रही विदेशी मूल की आबादी का करीब 22 फीसदी हैं। यानी अमेरिका में एक करोड़ से ज्यादा आबादी अवैध अप्रवासियों की है। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने इन सभी अवैध अप्रवासियों को उनके देश लौटाने के लिए अभियान का एलान किया है। दरअसल ट्रंप प्रशासन अपनी इस नीति के जरिए अवैध तरीके से आने वाले प्रवासियों को सख्त संदेश देना चाहता है। इतना ही नहीं इस योजना के जरिए वह डंकी रूट पर पड़ने वाले लातिन अमेरिकी देशों के साथ शरणार्थियों और अवैध प्रवासियों की समस्या का स्थायी रूप से अंत भी करना चाहते हैं।

अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीय और अन्य देशों के लोग दक्षिण अमेरिकी देश पनामा में क्या कर रहे हैं? ट्रंप प्रशासन ने हालिया दिनों में अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे भारतीयों को और किन देशों में भेजा है? इसकी वजह क्या है? वहां भारतीय किन हालात में रहने को मजबूर हैं? अमेरिका की आगे की योजना क्या है? ऐसे तमाम सवाल हैं जो आजकल आम भारतीयों के मन में उमड़-घुमड़ रहे हैं। अमेरिका ने अवैध तरीके से देश में रह रहे लोगों का निर्वासन जारी रखा है। ट्रंप प्रशासन ने दक्षिण अमेरिका, एशिया और यूरोप के सैकड़ों नागरिकों को बेड़ियां लगाकर डिपोर्ट किया है। अपने इस अभियान के लिए अमेरिकी सरकार करोड़ो डॉलर तक खर्च कर रही है।

हालांकि, इस बीच पनामा से कुछ चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। इन फोटो में अमेरिका से निर्वासित किए गए भारतीयों को एक होटल की खिड़की से मदद की गुहार लगाते देखा जा सकता है। इस तस्वीर के सामने आने के बाद से ही भारत और पड़ोसी देशों में लोगों ने अमेरिकी सरकार से नाराजगी जताई है। और विपक्षी दल भी तमाम सवाल उठाकर सरकार को घेरने का काम कर रहा है। अमेरिका ने जिन देशों में निर्वासित किए गए लोगों को रखने का समझौता किया है, उनमें पनामा, ग्वाटेमाला और कोस्टा रिका शामिल हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने इन देशों से प्रवासियों को वापस भेजने में मदद देने की भी बात कही है।

पनामा में दूसरे देशों के करीब 3०० प्रवासियों को अस्थायी तौर पर रखा जा रहा है। इन्हें पनामा के डेरियन जंगलों में एक दूर के शरणार्थियों के लिए तय किए गए होटल में रखा गया है। यहां लोगों को अपने कमरे तक छोड़ने की इजाजत नहीं है। बुधवार को इसी होटल की खिड़की से कुछ अप्रवासियों को हाथ हिलाकर मदद मांगते देखा गया था। मीडिया के सामने इन लोगों ने खुद को बचाने की गुहार भी लगाई थी। पनामा सरकार ने इन होटलों में कमरों के बाहर भी पुलिसकर्मी तैनात किए हैं, ताकि अमेरिका से लाए गए लोगों को बाहर निकलने से रोका जा सके।

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