- सेवानिवृत की आयु सीमा बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
- उत्तर प्रदेश चीनी मिल अधिकारी परिषद ने लिखा पत्र
लखनऊ। अधिकारियों और कर्मचारियों की कमी के चलते उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ का हाल बेहाल होता जा रहा है। संघ में अधिकारियों की संख्या कम होने के कारण एक एक अधिकारी के पास कई कई अनुभागों की जिम्मेदारी सौंप रखी गई है। यही नहीं संघ में कई सेवानिवृत अधिकारियों से रिटायरमेंट के बाद भी लंबे समय से काम लिया जा रहा है। समस्या के निस्तारण के लिए उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय चीनी मिल अधिकारी परिषद ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर सेवानिवृत आयु सीमा को 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष किए जाने की मांग की है।
परिषद की ओर से मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में बताया गया है कि संघ से संबद्ध दो दर्जन सहकारी चीनी मिलों में करीब 14 हजार पद सृजित है। इस पदों के सापेक्ष में मात्र करीब 2700 कार्मिक कार्यरत हैं। इसी प्रकार संघ और चीनी मिलों में अधिकारियों के करीब 1270 पद स्वीकृत है। इन पदों के सापेक्ष में मात्र 263 अधिकारी ही कार्यरत है। बताया गया है कि संघ और चीनी मिलों में इन कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों में करीब 100 कर्मचारी 31 दिसंबर 2024 को सेवानिवृत हो जाएंगे। इन कर्मियों के सेवानिवृत होने के बाद सहकारी चीनी मिल संघ और संबद्ध चीनी मिलों की स्थिति और दयनीय हो जाएगी। इससे संघ और चीनी मिलों को संचालित कर पाना आसान नहीं होगा।
परिषद के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ की सेवा शर्तों में संशोधन करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि संघ में सेवानिवृत की आयु सीमा को 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष की जाए। परिषद ने कहा है कि प्रदेश सरकार में जब सेवानिवृत की आयु सीमा 58 वर्ष थी उस समय उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ लिमिटेड में सेवानिवृत की आयु सीमा 60 वर्ष थी। वर्तमान समय में प्रदेश सरकार/शासन में सेवानिवृत की आयु 60 वर्ष हो जाने के बाद कई सहकारी संस्थाओं में सेवानिवृत की आयु सीमा को 62 वर्ष किया भी जा चुका है।
रिटायर कर्मियों का बोलबाला
उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ और चीनी मिलों में सेवानिवृत अधिकारियों का बोलबाला है। संघ कार्यालय में सेवानिवृत हुए अकाउंटेंट सतेंद्र सिंह, सतेंद्र श्रीवास्तव, हीरालाल पाल समेत आधा दर्जन से अधिक अधिकारी आज भी अस्थाई नियुक्ति के बाद एक्सटेंशन लेकर लगातार काम कर रहे है। इसी प्रकार दर्जन भर चीनी मिलो में सेवानिवृत हो चुके पीसीएस अधिकारियों को बतौर महाप्रबंधक (जीएम) तैनात कर रखा है।