- जेलर के उत्पीड़न और उगाही से जेल के बंदी त्रस्त
- आईजी जेल को पत्र भेजकर लगाई न्याय दिलाने की गुहार
राकेश यादव
लखनऊ। झांसी जेल में घटनाओं के बाद कार्यवाही नहीं होने से जेल अधिकारी बेलगाम हो गए हैं। विकलांग बंदी से पैसे की मांग पूरी नहीं होने पर जेल प्रशासन के अधिकारियों ने बंदी को तन्हाई बैरेक में निरुद्ध कर दिया है। बंदी के परिजनों ने आईजी जेल को पत्र भेजकर बंदी को तन्हाई बैरक से निकालकर जेल अस्पताल या साधारण बैरेक में वापस किए जाने की मांग की है।
मिली जानकारी के मुताबिक बीते दिनों झांसी जेल प्रशासन के अधिकारियों ने बंदी राव राजा गुर्जर का ललितपुर जेल पर स्थानांतरण करवा दिया था। 75 फीसद विकलांग बंदी राव राजा को ललितपुर जेल प्रशासन ने लेने से इनकार कर दिया। बंदी को झांसी जेल वापस कर दिया गया था। ललितपुर जेल से वापस आने के बाद झांसी जेल प्रशासन ने बंदी से पैसे की मांग की। मांग पूरी नहीं होने पर बंदी को तन्हाई बैरक में भेज दिया।
बंदी के परिजनो ने आईजी जेल समेत अन्य अधिकारियों को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि तन्हाई बैरेक में बंदी की तबियत बिगड़ती जा रही है। बंदी की पत्नी की ओर से भेजे गए पत्र में गुहार लगाई है कि बंदी की विकलांगता और बीमारियों को देखते हुए बंदी को वापस अस्पताल या बैरेक में भेजा जाए। जिससे बंदी का उपचार हो सके। उल्लेखनीय है कि झांसी जेल पर तैनात जेलर के उत्पीड़न और उगाही से बंदी काफी त्रस्त हैं।
बंदी त्रस्त, अफसर मीटिंग में व्यस्त
कारागार विभाग के आला अफसर जेलों की व्यवस्थाओं पर ध्यान देने के बजाए मीटिंग करने में व्यस्त है। विभाग के चाटुकार सलाहकारों की सलाह पर कराए गए दो आदेश जेल अधिकारियों के लिए मुसीबत का सबब बन गए थे। बंदियों को जेल में प्रथम अक्षर से बैरेक आवंटन और ड्यूटी में रोस्टर प्रणाली लागू किया जाना व्यावहारिक नहीं लग रहा है।