
ए अहमद सौदागर
- 10 जून 2011- लखीमपुर-खीरी जिले के निघासन थाना परिसर में किशोरी की रेप के प्रयास में हत्या।
- वर्ष 2021- कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर के एक होटल में पीट-पीटकर हत्या।
- 17 अप्रैल 2013- राजधानी लखनऊ के हसनगंज कोतवाली की हवालात में वीरेंद्र मिश्रा नाम के युवक की मौत।
- वर्ष 11 अक्टूबर 2024- विकासनगर क्षेत्र में नमन की हुई मौत का मामला
लखीमपुर-खीरी में बनवारी लाल की संदिग्ध हालात में मौत।
इन मामलों की चर्चा समाप्त नहीं हो पाई थी कि राजधानी लखनऊ के चिनहट कोतवाली में पुलिस कस्टडी में मोहित कुमार पांडेय की हुई मौत ने एक बार फिर पुराने जख्मों को ताजा कर दिया। खबर में दर्शाई गई ये घटनाएं तो महज़ बानगी भर है और भी कई मामलों में यूपी पुलिस के दागी पुलिसकर्मियों कारनामे उजागर हो चुके हैं। लगातार हो रही घटनाओं से यही लग रहा है कि कायदे कानून इनके लिए मायने नहीं रखते क्योंकि ये खाकी वर्दी पहनते हैं। दरअसल यूपी पुलिस व अपराध का नाता पुराना है। दागी पुलिसकर्मियों को फोर्स से बाहर करने के दावे कमजोर इच्छाशक्ति के आगे हवा हो गए और अपराध की बेल पुलिस महकमे को जकड़ती गई।
पुलिस पर यह पहला ऐसा मौका नहीं है, जब खाकी पर खून की छीटें आई हों। बीते एक दशक में हुई कई लोगों की को लेकर हत्या के आरोप पुलिस पर लग चुके हैं। इससे पहले भी जिले की पुलिस पर हत्या के आरोप लगते रहे हैं। इससे खाकी शर्मशार होने के साथ-साथ प्रदेश पुलिस के उस दावे को भी खासा झटका लगता रहा है। जिसे वह ‘मित्र’ पुलिस कहलाने का दावा करती रही है। बताते चलें कि हत्याकांड की थाना निघासन के पास रहने वाले एक मजदूर की बेटी भैंस देखने थाना परिसर में चली गई। जहां उसके साथ दुराचार का प्रयास किए जाने के बाद उसकी हत्या कर दी गई। मामला सुर्खियों में आया तो प्रदेश सरकार को इसकी जांच सीबीआई से करानी पड़ी। थानाध्यक्ष सहित पूरे कर्मचारी सस्पेंड कर दिए गए थे।तीन पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया।
थाना निघासन की पुलिस चौकी ढखेरवा निवासी दुकानदार रंजीत मौर्या को पुलिस ने क्षेत्र के एक प्रभावशाली व्यक्ति के इशारे पर दुकान से उठा कर लाने के बाद पुलिस चौकी में उसे इतना पीटा की उसकी मौत हो गई। पुलिस ने इसे आत्महत्या का रूप देने के लिए पुलिस चौकी के एक कमरे में उसके शव को लटका दिया। आक्रोषित लोगों ने घटना के विरोध में चौकी में आग लगा दी। इस मामले में तत्काल चौकी प्रभारी राजेश शर्मा सहित चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। आरोपी सभी पुलिस कर्मियों को निलंबित भी किया गया था। यह घटना 12 अक्तूबर 2011 की है।
खीरी थाना क्षेत्र निवासी बनवारी नामक युवक को पुलिस एक शिकायत के आधार पर पकड़ कर लाने के बाद उसे थाने में इतना पीटा की उसकी मौत हो गई। इस मामले में भी तत्कालीन थानाध्यक्ष शिवजी सिंह सहित तीन पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा कायम किया गया। यह घटना दो अप्रैल 2012 की है।
घटना चार: खीरी थाने की ओयल पुलिस चौकी क्षेत्र स्थित ग्राम मरखापुर में आबकारी टीम के साथ पुलिस चौकी के गए जवान कथित कच्ची शराब बनाने के आरोपी व्यक्ति के न मिलने पर उसकी गर्भवती पत्नी को पकड़ लाए तथा थाने लाकर उसे इतना पीटा की तीन दिन बाद उसकी मौत हो गई। इस मामले में भी पुलिस व आबकारी टीम के जवानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। कारोबारी मनीष गुप्ता, वीरेंद्र मिश्रा, निघासन थाना परिसर में हुई किशोरी की हत्या का मामला शांत भी नहीं पड़ा था कि अब एक बार फिर चिनहट कोतवाली में मोहित कुमार पांडेय की हुई मौत ने पुराने जख्मों को ताजा कर दिया।