मुख्यमंत्री के मंसूबों पर पानी फेर रहे नौकरशाह!

  • गृह सचिव का आदेश के बाद भी प्रमुख सचिव कारागार ने नहीं की कोई कार्यवाही
  • शासन-मुख्यालय ने दबाई 12 जेल अधीक्षकों के निलंबन की फाइल
  • दंडित करने के बजाए शासन ने दी दोषियों को प्राइज पोस्टिंग

राकेश यादव

लखनऊ। प्रदेश के नौकरशाह मुख्यमंत्री के मंसूबों पर पानी फेर रहे हैं। उच्च स्तर के निर्देश पर गृह सचिव ने करीब एक दर्जन जेलों की गोपनीय जांच कराई। जांच में अनियमिताओं के लिए दोषी पाए गए जेल अधीक्षकों को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही कराए जाने का निर्देश दिया। गृह सचिव के निर्देश के बाद भी प्रमुख सचिव/महानिरीक्षक कारागार ने दोषी अधीक्षकों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की। शासन और मुख्यालय के अफसरों ने कार्यवाही करने के बजाए इस महत्वपूर्ण फाइल को ही दबा लिया। अब विभाग के अधिकारी इस मसले पर कुछ भी बोलने से बचते नजर आए।

मामला डेढ़ साल पहले का है। चित्रकूट जेल के अंदर तीन खूंखार अपराधियों की हत्या, बांदा जेल में मृतक मुख्तार अंसारी के आतंक और नैनी और बरेली जेल प्रशासन की साठ गांठ से हुए एडवोकेट उमेश पाल की हत्या की घटना के बाद उच्च स्तर के निर्देश के बाद एक गोपनीय जांच कराई गई।

गृह सचिव एवी राजामौली के निर्देश पर हुई इस जांच में बांदा, बरेली, चित्रकूट, प्रयागराज, फतेहपुर, लखनऊ, बलिया, मऊ, वाराणसी, सोनभद्र, आजमगढ़ और जौनपुर जेल में भारी अव्यवस्थाओं और अनियमिताएं मिली। अनियमिताएं मिलने पर गृह सचिव राजामौली ने प्रमुख सचिव/महानिदेशक कारागार राजेश कुमार सिंह को रिपोर्ट का हवाला देते हुए इन जेलों के अधीक्षकों एवं अन्य कर्मियों को शीर्ष प्राथमिकता पर निलंबित कर अनुशासनिक, कठोर दंडात्मक कार्यवाही करने का निर्देश दिया। प्रमुख सचिव के निर्देश पर विभाग के संयुक्त सचिव शिव गोपाल सिंह ने महानिरीक्षक कारागार को पत्र लिखकर कार्यवाही कर तत्काल शासन को अवगत कराए जाने का निर्देश दिया।

सूत्रों का कहना है कि गृह सचिव एवी राजामौली के 5 अप्रैल 2023 को हुए इस निर्देश के करीब डेढ़ साल बाद भी शासन और कारागार मुख्यालय में बैठे आला अफसरों ने इस निर्देश का अनुपालन नहीं कराया है। सूत्रों की माने तो शासन और मुख्यालय में बैठे अफसरों ने निलंबित और कठोर दंडात्मक कार्यवाही के लिए चिन्हित किए गए अधीक्षकों के खिलाफ कार्यवाही करने के बजाए कई जेल अधीक्षकों को तोहफे में कमाऊ जेल पर जरूर तैनात कर दिया।

मिली जानकारी के मुताबिक लखनऊ जेल अधीक्षक आशीष तिवारी को केंद्रीय कारागार फतेहगढ़, बांदा से निलंबित हुए अविनाश गौतम को केंद्रीय कारागार बरेली, बरेली के राजीव शुक्ला को केंद्रीय कारागार इटावा भेज दिया गया। सूत्र बताते है कि निलंबित होने के निर्देश वाले चित्रकूट, प्रयागराज, फतेहपुर, लखनऊ, बलिया, मऊ, वाराणसी, सोनभद्र, आजमगढ़ के अधीक्षकों की फाइल को दबा रखा है। जौनपुर के तत्कालीन अधीक्षक एसके पांडेय सेवानिवृत हो गए है। उधर इस संबंध में प्रमुख सचिव कारागार राजेश कुमार सिंह से काफी प्रयासों के बाद भी संपर्क नहीं हो पाया।

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