पुलिस की सक्रियता और छानबीन में जेल जाने से बचे निर्दोष
कैंट क्षेत्र में हुई घटना का मामला
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। शातिर अपराधियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाने वाले एक ट्रैफिक पुलिस में तैनात हेड कांस्टेबल ने रूपयों के लेन-देन को लेकर हत्या का ऐसा ताना-बाना बुना, जिसका राजफाश पूरे पुलिस महकमे को शर्मिन्दा कर गया। सनद रहे कि 13 जनवरी 2024 को सदर रेलवे क्रासिंग कैट में एक युवक की हत्या कर लाश मिली थी। छानबीन में युवक की पहचान इंदिरा नगर निवासी 22 वर्षीय कौशिक के रूप में हुई थी। इस मामले में घरवालों ने सूरज, राज ठाकुर व एक महिला सहित अन्य लोगों के खिलाफ नामजद हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। कौशिक हत्याकांड की छानबीन एसीपी कैंट के नेतृत्व में शुरू की गई तो सामने आया कि कौशिक की हत्या ट्रैफिक पुलिस लाइन में तैनात हेड कांस्टेबल रविन्द्र पाल सिंह ने शराब में जहर पिलाकर की थी। डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि गिरफ्तार ट्रैफिक सिपाही ने पूछताछ में बताया कि समलैंगिक एप के जरिए तलाशा था। उन्होंने बताया कि जब कौशिक से मुलाकात हुई तो दोनों में रूपयों के लेन-देन को लेकर कहासुनी हुई और तैश में आकर रविन्द्र पाल सिंह ने कौशिक को शराब में जहर पिलाकर पीला दिया, जिससे उसकी मौत हो गई और राज छिपाने के लिए शव को सदर रेलवे क्रासिंग कैट के पास फेंक दिया था।
डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह के मुताबिक इस मामले की गहनता से जांच पड़ताल की गई तो सामने आया कि कौशिक की हत्या नामजद लोगों ने नहीं ट्रैफिक पुलिस लाइन लखनऊ में तैनात हेड कांस्टेबल रविन्द्र पाल सिंह ने की थी। पुख्ता सबूत मिलते ही पुलिस ने कातिल सिपाही को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की सक्रियता और छानबीन से निर्दोष जेल जाने से बच गए।