कईसे खेले जाबू , सावन मां कजारिया , बदरिया घिर आई ननदी

सुरो से सरयू तीरे मना झूलनोत्सव, उपशास्त्रीय और लोकगायन की सोंधी खुशबू से बरसा सावन

सरयू किनारे स्थित सुरम्य राम की पैड़ी पर बीती शाम संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश और जिला प्रशासन के सहयोग से आयोजित सावन झूला उत्सव में अवधी और भोजपुरी लोक गीतों को फुहार में श्रद्धालु भीग कर झूलनोत्सव के रंग में रंगते रहे ।

भारतखंडे संस्कृति वि.वि.लखनऊ के कलाकारों ने प्रो.रंजना द्विवेदी के नेतृत्व में सधे हुए सुरो में सावन झर लगी,लो धीरे धीरे गाकर रिमझिम फुहारों का अहसास कराया तो रामलला को समर्पित कजरी, हरि बिनु कारी,बदरिया छाई, गाकर वातावरण को भक्तिमय कर दिया। बरस बरस बरसन लगी बुंदिया गाकर कलाकारों ने जहां वर्षा का स्वागत किया वहीं पारंपरिक झूला गीत, सिया संग झूले में राम ललना, गाकर अपनी श्रद्धा निवेदित की।श्रद्धालु प्रस्तुतियों में खोकर राघवेंद्र सरकार के हिंडोले का आनंद अनुभव कर रहे थे।

अगली प्रस्तुति लखनऊ की डा. श्रेया के नेतृत्व में डा. श्रेया संगीत संस्थान के कलाकारों ने लोकनृत्यों के माध्यम से देवी स्तुति करके सभी को रोमांचित कर दिया। इसके बाद अयोध्या के महाराजा हनुमंत लाल को आराधना, नृत्यमय हनुमान चालीसा प्रस्तुत करके सभी को मोह लिया। जयकारों की गूंज के मध्य पारंपरिक कजरी कईसे खेले जाबू,सावन मां कजारिया,बदरिया घिर आई ननदी पर लोकनृत्य करके श्रद्धालुओं को कलाकारों ने मंच से जोड़ लिया। इसके बाद इन कलाकारों ने भगवान श्रीराम के विविध भजनों को गुजराती, राजस्थानी,अवधी,भोजपुरी बोलो पर लोक नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत करके जनसमूह को अपने साथ नृत्य करने पर मजबूर कर दिया।

ढलती हुई शाम के साथ गाजीपुर से आई भोजपुरी लोकगीतों की गायिका अलका सिंह पहाड़िया और उनके साथियों ने मंच संभाला। अपने अंदाज में राम आएंगे राम आएंगे गाकर रामलला की आराधना के बाद प्रभु श्री राम के आराध्य भोलेनाथ को याद करते हुए सावन के अवसर पर हे शिवदानी मांगे वरदान जी, नैहर ससुरा रहे आबाद जी गाकर हरियाली तीज की शुभकामनाएं उपस्थितजन को दी तो भावों का एक ऐसा समंदर लहराता दिखा जिसमें सभी भावुक हो गए। पारंपरिक कजरी रिमझिम घिरी बदरिया, मोर पिया घर आ गए गाकर कलाकार ने सभी को मंच के सामने नृत्य करने का आमंत्रण दिया तो सभी थिरकने लगे। इसी क्रम में उपस्थित प्रसिद्ध लोकगायक मनोहर सिंह ने भी मंच पर आकर श्रोताओं के आग्रह पर हे राम हमारा काम बना दो और बजरंगबली ने सीना चीर के दिखाए समेत कई भजन सुना कर पूरे जन समुदाय को विभोर कर दिया।
अयोध्या की नृत्यांगना आराधना गौतम और उनकी सखियों ने इसके बाद लोक नृत्य के माध्यम से एक के बाद एक कजरी, बधावा, झूला गीत और सावन गीत प्रस्तुत करके इस उत्सव को सार्थक बना दिया । झूलनोत्सव के रंग में रंगी अयोध्या को कजरी अरे राम झूला झूले अवध बिहारी,इसके बाद बधाई गीत अवध में जन्मे है राम बधावा लेकर आई सखियां,वर्षा गीत आया सावन बड़ा मनभावन रिमझिम पड़े फुहार जैसे अनेक पारंपरिक लोकगीतों पर लोकनृत्य में कलाकारों की कुशलता और चपलता देखकर सभी उत्साहित और आनंदित थे।

कार्यक्रम का संचालन कर रहे आकाशवाणी के उद्घोषक देश दीपक मिश्रा ने सावन पर दोहे और मुक्तक सुनकर सभी को बांधे रखा।इसके पूर्व सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ डॉक्टर राजेश कुमार प्रजापति विशेष सचिव उत्तर प्रदेश सरकार ग्राउंड वाटर ने दीप प्रज्वलित करके किया। इनके साथ जिला पंचायत प्रतिनिधि आलोक सिंह रोहित भी उपस्थित थे। कलाकारों का सम्मान नगर आयुक्त अयोध्या,सीईओ अयोध्या तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और निदेशक अंतर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान अयोध्या श्री संतोष कुमार शर्मा ने कलाकारों को पुष्प गुच्छ और राम पटका पहनाकर उनका सम्मान किया। अतिथियों का सम्मान संस्कृति विभाग के कार्यक्रम अधिकारी कमलेश कुमार पाठक ने पुष्प गुच्छ प्रदान करके किया। इस अवसर पर संतजन और भारी संख्या में श्रद्धालु देर रात्रि तक उपस्थित रहे।

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