ए अहमद सौदागर
लखनऊ। साल 2024 की शुरुआत से अबतक हुई कई घटनाओं की बात छोड़ दें सिर्फ अगस्त माह की बात करें तो एक बुजुर्ग महिला सहित आधा दर्जन से अधिक लोगों की बेरहमी से हत्या हुई। पांच अगस्त 2024 को सरोजनीनगर क्षेत्र स्थित एलडीए कॉलोनी सेक्टर एफ में रहने वाली 72 वर्षीय सरला काका की बेरहमी से हत्या कर दी गई। 14 अगस्त को बंथरा क्षेत्र स्थित नान मऊ गुदौली गांव निवासी मखोले का कातिलों ने कत्ल कर दिया। 16 अगस्त की रात कृष्णा नगर के गीता पल्ली आजाद नगर में सिपाही सर्वेश रावत ने अपनी पत्नी मीरा रावत की गोली मारकर हत्या करने के बाद खुद को गोली से उड़ाकर खुदकुशी कर ली। इन घटनाओं का मामला शांत भी नहीं पड़ा था कि गोमतीनगर विस्तार क्षेत्र स्थित जुराखन पुरवा निवासी 50 वर्षीय महावीर यादव की शुक्रवार की रात बदमाशों ने बेरहमी से मौत की नींद सुला पुलिस को खुली चुनौती दे डाली। बात करें शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले बुजुर्गों की सुरक्षा की कवायद यूं तो कई हुई, लेकिन हर बार चंद कदम चलने के बाद पुलिस की पड़ताल थम गई।
नतीजतन कहीं बदमाशों ने बुजुर्गों को निशाना बनाया तो कहीं अपनों ने धन की लालच या फिर मामूली कहासुनी में उनका खून बहाया। यही नहीं पुलिस की लचर कार्यशैली के लिए बेखौफ बदमाशों ने जब चाहा और जहां चाहा संगीन वारदातों को अंजाम दिया और पुलिस सुरक्षा के नाम का डंका बजाती रही। कुछ घटनाओं में पुलिस ने तत्परता दिखाई और आरोपी पकड़े गए, लेकिन शुक्रवार की रात दो थाना क्षेत्र में हुई घटना ने एक बार फिर पुलिस की सक्रियता की पोल खोल दी।