- पुलिस की मिलीभगत का शक
- लापरवाह पुलिसकर्मी निलंबित
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। जौनपुर जिले के सैदनपुर गांव निवासी सपा नेता बाला लखन्दर यादव हत्याकांड मामले में आरोपी जयदीप प्रकाश गायकवाड़ शुक्रवार को जौनपुर सत्र न्यायालय से पुलिस को चकमा देकर भाग निकला। वह एक फरवरी 2021 की रात ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार कर बाला लखन्दर को मौत की नींद सुलाने का आरोपी है।
उसे और उसके साथियों सैदनपुर गांव निवासी ओम चन्द्र गुप्ता उर्फ पवन, उमेश गौड़, मड़ियाहू निवासी निवासी निवासी रितेश सिंह व महाराष्ट्र के शोलापुर निवासी जयदीप प्रकाश गायकवाड़ को पुलिस ने दस फरवरी 2021 को जेल भेजा था। सपा नेता बाला लखन्दर यादव हत्याकांड में शुक्रवार को जयदीप प्रकाश गायकवाड़ को पुलिस अभिरक्षा में दीवानी न्यायालय में पेशी पर लाया गया था। आरोपी जयदीप प्रकाश सुरक्षाकर्मियों को गच्चा कोर्ट से भाग निकला।
इस मामले की खबर मिलते ही पुलिस अफसरों में हड़कंप मच गया और फरार आरोपी की तलाश में एसपी डॉ अजय पाल शर्मा ने पुलिस की टीमें लगाई। फरार बदमाश की तलाश में पुलिस की टीमें मुंबई जाने वाली ट्रेनों सहित कई जगहों पर खोज रही है।
पुलिस है खुद को तो बचा ही लेगी
यह खेल है क़ानूनी दांव पेंच का। पुलिस इसमें माहिर है। यही वजह है कि लापरवाह पुलिस सुधरने का नाम नहीं लेती। उन्हें निलंबन और बर्खास्तगी का भय भी नहीं सताता और आए दिन बंदी पुलिस अभिरक्षा से भाग निकलते हैं। फरार बंदी और ड्यूटी में लापरवाह पुलिसकर्मी के खिलाफ मुकदमा दर्ज होता है।
आरोपी सिपाही गिरफ्तार कर जेल भेजा जाता है, जमानत पर रिहा भी हो जाता है लेकिन अधिकांश आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ आलाधिकारियों अथवा शासन द्वारा अभियोजन स्वीकृति न मिलने की वजह से उनके खिलाफ न्यायालय में मुकदमा ही नहीं शुरू होता। यही वजह है कि लापरवाह पुलिसकर्मी लापरवाही बरतने से बाज नहीं आ रहे हैं।