सहयोगी संघवाद से विकासः तमाम योजनाओं को अमलीजामा पहनाने में सफल रहे योगी

डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी के विकास के संबंध में विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि एसडीजी इण्डिया इण्डेक्स 2023-24 की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश फ्रण्ट रनर कैटेगरी में सम्मिलित हो गया है। विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक प्रदेश की 351 बेस्ट प्रैक्टिसेस वर्तमान में नीति आयोग के ‘नीति फॉर स्टेट्स पोर्टल’ पर अपलोड हैं। यूपी की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए सभी विभागों को 10 सेक्टर्स में वर्गीकृत करते हुए नियोजित प्रयास किये जा रहे हैं।

विकसित भारत/2047 की राह सतत विकास लक्ष्यों की पूर्ति से गुजरती है। उत्तर प्रदेश में इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150वें जयन्ती वर्ष में राज्य विधान मण्डल के विशेष सत्र में 36 घण्टे की अनवरत चर्चा के बाद प्रदेश सरकार द्वारा कार्ययोजना को अन्तिम रूप देकर उसे लागू किया है। राज्य सरकार महाकुम्भ-2025 के स्वच्छ, सुरक्षित और सुव्यवस्थित आयोजन के लिए प्रतिबद्ध है। सभी तैयारियां पूर्ण होने की ओर अग्रसर हैं।

रूल ऑफ लॉ’ की स्थापना से देश-विदेश में प्रदेश का पर्सेप्शन बदला है। प्रयागराज में भू-माफिया से मुक्त करायी गई भूमि पर दुर्बल आय वर्ग के 76 भवन बनाकर लाभार्थियों को दिए गए हैं। लखनऊ में 72 भवनों का निर्माण कराया जा रहा है। प्रदेश में लगभग 06 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से ऊपर उठाया गया है। 56 लाख से अधिक गरीब आवासहीन परिवारों को पक्का घर उपलब्ध कराया गया है। राष्ट्रीय GDP में 9.2 प्रतिशत योगदान के साथ उत्तर प्रदेश, देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में देश का ग्रोथ इंजन बनकर उभरा है। पिछले 07 वर्षों में प्रति व्यक्ति आय को दोगुना करने में सफलता मिली है।

दो टूकः क्यों खुलकर सामने आने लगा बीजेपी का यूपी टकराव…

राजकोषीय घाटे को FRBM एक्ट की निर्धारित सीमा 3.5 प्रतिशत के भीतर रखा गया है। प्रभावी रिसोर्स मोबिलाइजेशन से उत्तर प्रदेश आज रेवेन्यू सरप्लस स्टेट है। प्रदेश की आर्थिक विकास दर राज्य की ग्रोथ ट्रेजेक्टरी को दर्शाती है। प्रदेश सरकार अपने लक्ष्यों को समय से पूरा करने के लिए स्वयं के संसाधनां को तेजी से बढ़ा रही है। लगभग 02 लाख करोड़ रुपये के कैपिटल एक्सपेंडिचर की बजट व्यवस्था इसका परिचायक है।

जनता की समस्या सुनने में भी पीछे नहीं रहते सीएम योगी

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में 01 करोड़ 86 लाख रसोई गैस कनेक्शन वितरित किए गए हैं। ‘मिशन शक्ति’ के अन्तर्गत 28 विभागों, समाजसेवी संस्थाओं एवं शैक्षणिक संस्थाओं के समन्वय से महिलाओं से सम्बन्धित मुद्दों पर जनसामान्य को जागरूक करने के प्रयास किए गए। लगभग 9.08 करोड़ व्यक्तियों तक पहुंचकर महिलाओं और बच्चों हेतु संचालित योजनाओं, सुविधाओं और कानूनों के सम्बन्ध में संवेदनशील करने का प्रयास किया गया।

परिषदीय विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण हेतु ‘ऑपरेशन कायाकल्प‘ संचालित कर अधिकांश विद्यालयों में चिन्हित 19 पैरामीटर्स पर मूलभूत अवस्थापना सुविधाएं विकसित की गई हैं। ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ के अन्तर्गत परिषदीय स्कूलों में अवस्थापना सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए कन्वर्जेन्स के माध्यम से 12 हजार करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं ।

अखिलेश-केशव के व्यंग्य में अब कटुता का पुट, राजनीतिक रार जारी

हर जनपद में स्टेडियम, ब्लॉक स्तर पर मिनी स्टेडियम तथा हर ग्राम पंचायत में खेल के मैदान के निर्माण की कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ रही है। जनपद मेरठ में मेजर ध्यानचन्द स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय, वाराणसी में आधुनिक अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण कराया जा रहा है। रामगढ़ताल, गोरखपुर में वॉटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया गया है।

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धन की बंदरबांट के लिए नहीं हो रही आदर्श कारागार में तैनाती!

उधार के अधिकारियों के भरोसे चल रही प्रदेश की “मॉडल जेल” दूसरी जेलों पर तैनात अधिकारियों को सौंपी गई जेल की जिम्मेदारी कारागार मुख्यालय की लचर व्यवस्था से चौपट हो रहे उद्योग लखनऊ। प्रदेश कारागार मुख्यालय में बैठे आला अधिकारी जेलों की व्यवस्थाएं सुधारने के बजाए बिगाड़ने में जुटे हुए है। राजधानी की आदर्श कारागार […]

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ऊंची पहुंच और जुगाड़ के आगे नतमस्तक जेल मुख्यालय!

रायबरेली जेल अधीक्षक को तीन माह के लिए किया फतेहगढ़ जेल से संबद्ध अधीक्षक को हटाने के बजाए सेंट्रल जेल में लगाई गई अस्थाई ड्यूटी आत्महत्या के घटना के करीब दो माह बाद खुली जिम्मेदार अफसरों के नींद लखनऊ। रायबरेली जेल नियमों को ताक पर रखकर संचालित हो रही है। जेल में अधीक्षक का न […]

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क्यों कहते हैं साधुओं के समूह को अखाड़ा, क्या है इनकी परम्परा और इतिहास

अखाड़े से निष्कासित हो जाने के बाद ही साधुओं पर लागू होता है संविधान का कानून रंजन कुमार सिंह कभी सोचा है कि साधुओं के इन समूह को अखाड़ा क्‍यों कहा जाता है, जबकि अखाड़ा तो वह होता है जहां पहलवान लोग कुश्‍ती लड़ते हैं। इनकी परंपरा और इतिहास क्या है? और अखाड़ा परिषद के […]

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