- आषाढ़ महीने की मासिक शिवरात्रि है बेहद खास
- इस व्रत से होती है अनंत फल की प्राप्ति
जयपुर से राजेंद्र गुप्ता
त्रयोदशी की तहर ही कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि भी भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस दिन भक्त व्रत रखकर आराध्य शिव से अपने कल्याण की कामना करते हैं। मान्यता है कि इस व्रत से प्रसन्न होकर भगवान शिव सभी मनोकामना पूरी करते हैं।
शिवरात्रि खास होने की वजह
मासिक शिवरात्रि भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। यह शिवरात्रि सोमवार को पड़ रही है, सोमवार भी भगवान चंद्रमौली की पूजा के लिए समर्पित दिन है। इसलिए इस मासिक शिवरात्रि व्रत का दोगुना फल मिलेगा। और भगवान भक्त पर प्रसन्न होंगे।
मासिक शिवरात्रि का महत्वः
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जो व्यक्ति विधि विधान से इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करता है उसे अनंत फल मिलता है। मासिक शिवरात्रि के दिन ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप और रात्रि जागरण कर शिव का ध्यान करने से अश्वमेघ यज्ञ के समान फल मिलता है। वहीं शिवरात्रि का व्रत मोक्षदायी भी है। इस दिन शिव पूजा सभी पापों का क्षय करने वाली और नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव खत्म करने वाली होती है।
यह व्रत युवतियों के लिए विशेष महत्व का होता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन पूजा करने से अविवाहित युवतियां भगवान शिव से मनचाहे पति का आशीर्वाद पाती हैं और महिलाएं भगवान शिव से अपने पति और परिवार के लिए मंगल कामना करती हैं।
मासिक शिवरात्रि पूजा विधि
चैत्र माह की मासिक शिवरात्रि यानी चैत्र कृष्ण चतुर्दशी विशिष्ट है। इस दिन इस विधि से पूजा करने से महादेव कल्याण करेंगे।
- सुबह जल्दी उठकर स्वच्छ वस्त्र पहनकर मंदिर में दीप जलाएं।
- शिवजी का स्वच्छ जल, गंगाजल और दूध आदि से अभिषेक करें।
- भगवान गणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें।
- ऊँ नमः शिवाय पंचाक्षरीय मंत्र का जाप करें।
- भगवान भोलेनाथ को सात्विक चीजों का भोग लगाएं, आरती करें।
- पूजा में त्रुटि के लिए माफी जरूर मांगना चाहिए।