धनघटा में भू माफियाओं के साथ खड़ा दिख रहा प्रशासन

जबरन आवास का गेट तोड़कर रास्ता बनाने का मामला
उच्च न्यायालय के यथा स्थिति बनाए रखने के आदेश के बाद भी जारी है दबंगई

नया लुक संवाददाता

संतकबीरनगर। जब अतिचारियों के साथ प्रशासन का मजबूत हाथ हो तो पीड़ित पक्ष के पास कोई विकल्प नहीं बचता। ऐसा ही मामला नगर पंचायत धनघटा में सामने आया है। घनघटा निवासी भगवानदास ने अपनी पीड़ा बताते हुए जबरन रास्ता बनाने वालों के साथ प्रशासन के कदमताल की पूरी कहानी बताई। भगवानदास ने बताया कि लगभग 30 वर्ष पूर्व मिले आवासीय पट्टे पर उनका मकान बना है। मकान के पीछे अपने खेत में जाने के लिये उन्होंने एक चार फीट की गैलरी बनाकर उस पर गेट लगा रखा था। इसी बीच अपने खेत में घर बनवा कर बसे पिछले साल एक मनबढ़ व्यक्ति ने उस गैलरी को सार्वजनिक रास्ता बता कर गोलबंद होकर गैलरी के पिलर और गेट को जबरन तोड़कर हटा दिया।

इस मामले की सूचना थाना धनघटा और तहसील प्रशासन को दी गयी तो विवादित क्षेत्र की पैमाइश हुई। वहां कोई रास्ता नहीं होने की बात भी सामने आई। पुलिस कार्यवाही के नाम पर पुलिस ने गेट और पिलर तोड़ने का मुकदमा न दर्ज कर दोनो पक्षों को धारा 107/16 के तहद पाबंद कर दिया। इस घटना के बाद अतिचारियों का मनोबल और बढ़ गया और वे लगातार गैलरी को रास्ता बनाने और ऐसा न करने पर सबक सिखाने की धमकी देते रहे।

फाइलेरिया पर योग असरदार, पीड़ितों का हो रहा उपचार

 

विगत 11 जून को फिर मनबढों ने गोलबंद होकर गैलरी के बचे पिलर को तोड़ दिया और गैलरी पर जबरन कब्जे की कोशिश करने लगे। जब भगवानदास के परिजनों ने मना किया तो अतिचारी हमलावर हो गये और कई लोगों को मारपीट कर घायल कर दिया। काफी भागदौड़ के बाद थाने में मारपीट का मुकदमा दर्ज करने के बाद हमलावर पक्ष की ओर से क्रास केस दर्ज कर लिया गया है। अब हालात यह हैं कि पीड़ित पक्ष को नियमित धमकियां मिल रही हैं और प्रशासन हर बार की तरह दम साधे बैठा है। जिलाधिकारी, मुख्यमंत्री के शिकायत पटल सहित तमाम जिम्मेदारों को भेजे गये हर आवेदन अनसुने हैं। इस प्रकरण को लेकर पूरे क्षेत्र में प्रशासन की चुप्पी को लेकर तरह तरह की चर्चाएँ हैं।

नहीं काम आया उच्च न्यायालय का आदेश

स्थानीय प्रशासन की चुप्पी से थक हार कर यह मामला माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष लाया गया, जहां से उपजिलाधिकारी धनघटा को इस संबंध मे विस्तृत विवरण के साथ 12 जुलाई 2024 को एक शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया। सुनवाई की अगली तिथि तक यथास्थिति कायम रखने को कहा। लेकिन इस आदेश के बाद एक बार फिर इस गैलरी पर जबरन कब्जे का प्रयास 11 जून को किया गया और मना करने पर कई लोगों को मारपीट कर घायल कर दिया गया। प्रशासन क्रॉस केस दर्ज कर चुप है और मनबढ़ों की ओर से धमकियां जारी हैं।

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