दो टूकः हार को नहीं पचा पा रही भाजपा, हो रही जूत-म-पैजार

राजेश श्रीवास्तव

देश में लोकसभा चुनाव पूरे हो चुके हैं। जिसके बाद बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन ने 292 सीटें हासिल करके सरकार बना ली है। बीजेपी पार्टी का लोकसभा चुनाव में कुछ खास प्रदर्शन नहीं रहा, पार्टी ने 8० में से 33 सीटें हासिल की. जिसके बाद लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के चलते बीजेपी नेतृत्व अपनी हार की समीक्षा कर रहा है। यूं तो भाजपा सभी जगह हारी है लेकिन अपने शक्ति प्रदेश उत्तर प्रदेश में उसे जिस तरह की हार का सामना करना पड़ा है वह उसको पचा नहीं पा रही है।

इसीलिए एक कमेटी बनाकर इसकी हर स्तर पर जांच की जा रही है, जो रिर्पोट आ रही है उसके बाद से भाजपा के अंदर ही भितरघात की खबरें सामने आ रही हंै। तल्खी इतनी अधिक है कि भाजपा के अंदर ही बैठकों में जूतम-पैजार हो रही है। पिछले दिनों जब प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी आये और उनको विदा करते समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जो तस्वीरें जारी की गयीं वही काफी कुछ कहानी बयां कर रही थीं। मुख्यमंत्री के चेहरे पर न तो खुशी थी और न ही कोई रौनक। उनके चेहरे की भाव-भंगिमा बता रही थी कि आल इज वेल नहीं है। कहा तो

यहां तक जा रहा है कि उप्र में हार की बड़ी वजह तो मुख्यमंत्री योगी और अमित शाह के बीच खराब कैमेस्ट्री है। शनिवार को दिल्ली जाकर यूपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व से जाकर मुलाकात की है। एक दिन पहले अयोध्या के संत राजू दास की सुरक्षा वापस लिये जाने के बाद और सिर-फुटौव्वल तेज हो गयी है। तो दूसरी तरफ पश्चिम से संजीव बालियान का बवाल भी नहीं थमता दिखायी दे रहा है।

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इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी यूपी की 8० में से 44 सीटों पर हार गई। बीजेपी के सिर्फ 33 सांसद चुने गए। बीजेपी की सहयोगी आरएलडी के दो और अपना दल से एक सांसद निर्वाचित हुए. बीजेपी 65 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। पिछले दो दिनों से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री हारे हुए उम्मीदवारों से मिल रहे हैं। गुरुवार को इन दोनों नेताओं ने अवध क्षेत्र में हुई हार की समीक्षा की थी। सीतापुर, श्रावस्ती, बाराबंकी, फैजाबाद, मोहनलालगंज और रायबरेली के उम्मीदवारों को गुरुवार को अलग अलग बुलाया गया था।

लोकसभा चुनाव में जिस लोकसभा सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार हारे हैं, वहां पार्टी के वरिष्ठ नेता पहुंचकर कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ समीक्षा कर रहे हैं। इस समीक्षा बैठक में जिले-जिले भाजपाईयों के आपस में बात-चीत की चर्चा कम, जूतमपैजार की चर्चा ज्यादा हो रही है। सिद्धार्थनगर और सहारनपुर, अयोध्या में बवाल हो गया। तीनों जगह भाजपा कार्यकताã आपस में भिड़ गए, जिसका वीडियो भी सामने आया है। सिद्धार्थनगर में इटवा विधानसभा की समीक्षा हो रही थी, तभी पूर्व मंत्री सतीश द्बिवेदी और जिला अध्यक्ष कन्हैया पासवान की मौजूदगी में हो रही बैठक के दौरान इटवा नगर पंचायत अध्यक्ष विकास जायसवाल के ड्राइवर और भाजपा कार्यकर्ताओं में जमकर मारपीट होने लगी, क्योंकि किसी ने कहा कि चुनाव में साइकिल चलाने वाले कैसे बैठक में आ गए। बताया जा रहा है कि कुछ लोगों द्बारा जिलाध्यक्ष कन्हैया पासवान मुर्दाबाद के नारे लगाए जाने के बाद विवाद हुआ।

सहारनपुर में शुक्रवार को चल रही भाजपा की समीक्षा बैठक में हंगामा हो गया। सहारनपुर लोकसभा सीट हारने के बाद बीजेपी के प्रदेश महामंत्री गोविद नारायण शुक्ला और विधायक आशीष कुमार सिह आशू की मौजूदगी में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने लोकसभा चुनाव हारने के जिम्मेदार योगी सरकार में पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री कुंवर बृजेश सिह और विधायक राजीव गुंबर को बताया। दोनों के विरुद्ध मुर्दाबाद के नारे लगने लगे। समीक्षा बैठक में पार्टी समर्थक एक दूसरे के आमने-सामने आ गए। कई लोगों ने तो राज्य मंत्री बृजेश सिह पर राजपूत समाज की पंचायत में फंडिग करने का आरोप भी लगाया है। हंगामा इतना बढ़ गया कि प्रदेश महामंत्री ने बैठक को बीच में ही रोकना पड़ा।

पिछले दिनों हुए लोकसभा चुनाव में सहारनपुर मंडल की तीनों सीटों पर भजपा प्रत्याशियों की करारी हार हुई थी, जिसके चलते पार्टी हाईकमान ने हार को लेकर समीक्षा बैठक बुलाई थी। पार्टी कार्यकर्ताओं ने कहा कि पीडब्ल्यूडी राज्य मंत्री कुंवर बृजेश सिह ने राजपूत समाज की महापंचायत को कराने के लिए मोटी रकम फंडिग की थी। मंत्री के कहने पर ही बड़ी संख्या में राजपूत समाज के लोगों ने कस्बा नानौता में पंचायत कर चुनावी माहौल भाजपा के खिलाफ़ कर दिया था। अयोध्या में प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिह के सामने दो पक्ष भिड़ गए। दूसरे दिन हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास द्बारा प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाने पर डीएम ने बैठक में रहने से ही इनकार कर दिया। अयोध्या के प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही के सामने जिलाधिकारी का तेवर इतना कड़ा था कि हर कोई अवाक रह गया।

पिछले दिनों मेरठ में पूर्व विधायक संगीत सोम की प्रेस वार्ता के दौरान उनके लेटर पेड बांटे गए थे। जिनमें डॉ. संजीव बालियान पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। इस मामले में अब नया मोड आ गया है। बालियान ने गृह मंत्री को पत्र लिखते हुए कहा कि वह दस साल तक सरकार में मंत्री रहे। एक भी गलत काम नहीं किया है। भ्रष्टाचार और अन्य जो भी आरोप लगाए गए हैं, उनकी जांच जरूरी है। पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री ने यह भी लिखा है कि दस साल में ऐसा कोई काम नहीं किया, जिस कारण उन्हें सिर झुकाना पड़े। जिस तरह आरोप लगाए गए हैं, वह छवि धूमिल करने का प्रयास है। इन आरोपों का खंडन करता हूं। यह सारे प्रकरण देंख्ों तो साफ होता है कि भाजपा के लिए यूपी में अब बड़ी मुसीबत मुंह बाये खड़ी है। दूसरी तरफ उपचुनाव सामने हैं।

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