पिया का फोन रंगून से आता था! आज आसमान से, मगर कैसे?
के. विक्रम राव क्या उत्थान, फिर पतन रहा भारतीय दूरसंचार का ! पिछले दिनों सरकारी फोन विभागीय कार्मिकों के साथ था। व्यथा गाथा सुनी। मुझे अपनी तरुणावस्था का दौर याद आया। काला चोगा होता था। आठ इंच लंबा-चौड़ा यह भाष्य यंत्र जिस घर में रहता था उसकी प्रतिष्ठा मोहल्ले में ऊंची होती थी। मेरे स्मृति … Continue reading पिया का फोन रंगून से आता था! आज आसमान से, मगर कैसे?
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed