व्रत विवेक कौन से वार को व्रत करने से क्या लाभ

लखनऊ।  सामान्य जीवन में लोग पूजा-पाठ और व्रत का पालन करते हैं। लेकिन यह नहीं पता होता है कि इस व्रत से क्या लाभ होता है? यदि आप पूजा पाठ करते हैं, व्रत रखते हैं तो जान लीजिए कि किस दिन किस देवता की पूजा होती है और किसका व्रत रखा जाता है और इस से क्या-क्या लाभ होते हैं?

सोमवार का व्रत… उग्र है तो , क्रोध आदि दुर्गुण मिटाने के लिए

मंगलवार का व्रत… शांति पाने, धन का अभाव मिटा ने

बुधवार का व्रत… ज्ञान विकसित करता है.. बुद्धि बढ़ाने के लिए

गुरुवार का व्रत… बुद्धि का व्रत है..बुध्दि का छिछरापन दूर करेगा…मन की चंचलता दूर करने

शुक्रवार का व्रत… ओज की रक्षा करेगा..वीर्यवान होने के लिए, स्वप्नदोष…प्रदर रोग की बीमारियाँ मिटाने के लिए

शनिवार का व्रत… सांसारिक आपदाओं से रक्षा करता है.. हनुमानजी के लिए

रविवार का व्रत… स्वास्थ्य के लिए करते…सूर्य का ध्यान करे.. आरोग्य प्रदायक बन जाता…. व्रत ना करे तो ध्यान से भी आरोग्य मिलाता…

विद्याप्राप्ति और धंधे में सफलता पाने हेतु

जिनको विद्याप्राप्ति में सफलता नहीं मिलती या तो व्यापार करते हैं पर कोई तरक्की नहीं है …वे बुधवार के दिन गुरु मंत्र का जप ज्यादा करें, रोज की अपेक्षा…. और उस दिन दोपहर को आप खाना खाने से पहले केवल ३ पत्ते तुलसी के गिनकर..गंगा जल में डूबा कर यानि कटोरी में रखें थोड़ा गंगा जल उसमें धोकर..वो तीन पत्ते खा जाएँ..उसके बाद भोजन करें। इस से….

विद्याप्राप्ति में लाभ होता है,

धन प्राप्ति होती है,

व्यापार में वृद्धि होती है और शरीर स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।

और जप ज्यादा करें।

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रोहिणी व्रत आज है जानिए पूजा विधि और पूजा मुहूर्त व महत्व…

जयपुर से राजेंद्र गुप्ता रोहिणी व्रत जैन समुदाय के लोगों का एक महत्वपूर्ण व्रत है, यह व्रत जैन समुदाय के लोगों द्वारा रखा जाता है। यह व्रत रोहिणी नक्षत्र के दिन किया जाता है। इसलिए इस व्रत को रोहिणी व्रत कहा जाता है। रोहिणी नक्षत्र के अंत में रोहिणी व्रत खोला जाता है। रोहिणी नक्षत्र […]

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पितृ तीर्थ और श्राद्ध पक्ष में गया दर्शन

संजय तिवारी यह मर्त्यलोक है। जो कुछ भी दिख रहा है, उसे निश्चित तौर पर नही रहना है। मर्त्य शब्द मृतिका से जुड़ा है। मृतिका अर्थात मिट्टी। जो भी आकार हैं वे इसी से निर्मित हैं। इसी में मिलना है। मूल पांच तत्व है। सनातन संस्कृति या कहें कि जीवन यात्रा में अंतिम पड़ाव मृत […]

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श्रीमन्नारायण की आराधना ही है पितृपूजा

संजय तिवारी प्रितिपक्ष की पितृ पूजा भी श्रीमन्नारायण की ही आराधना है। गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि वह पितरों में अर्यमा नामक पितर हैं। यह कह कर श्रीकृष्ण यह स्पष्ट करते हैं कि पितर भी वही हैं। पितरों की पूजा करने से भगवान विष्णु यानि उसी परब्रह्म की ही पूजा होती है। […]

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