
मुंबई। विश्व बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर हुई लिवाली की बदौलत बीते सप्ताह मामूली बढ़त पर रहे घरेलू शेयर की अगले सप्ताह दिशा निर्धारित करने में रिजर्व बैंक (RBI) की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा, कच्चे तेल की कीमत, डॉलर सूचकांक और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) के रुख से निर्धारित होगी। बीते सप्ताह BSE का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 45.42 अंक की मामूली बढ़त के साथ सप्ताहांत पर 62547.11 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 34.75 अंक बढ़कर 18534.10 अंक पर पहुंच गया।
समीक्षाधीन सप्ताह BSE की दिग्गज कंपनियों के मुकाबले मझौली और छोटी कंपनियों के प्रति निवेशधारणा अधिक मजबूत रही। इससे मिडकैप 490.95 अंक अर्थात 1.8 प्रतिशत की छलांग लगाकर 27294.10 अंक और स्मॉलकैप 723.04 अंक यानी 2.4 प्रतिशत उछलकर 30885.70 अंक पर रहा। विश्लेषकों के अनुसार, वैश्विक बाजारों के मिलेजुले संकेत से घरेलू बाजार में भारी उतार-चढ़ाव रहा। अमेरिकी ऋण सीमा सौदे की स्वीकृति ने अमेरिकी डिफ़ॉल्ट को रोक दिया और वैश्विक निवेशकों के बीच आशा उत्पन्न की है। निवेशक अब फेडरल रिजर्व की आगामी मौद्रिक समीक्षा नीति का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। हालांकि फेड अधिकारियों ने जून में संभावित दर वृद्धि को स्थगित करने का संकेत दिया है।
घरेलू स्तर पर वस्तु एवं सेवा कर (GDP) आंकड़ों के अपेक्षाओं से अधिक होने और चौथी तिमाही की मजबूत आय ने घरेलू बाजार की विकास संभावनाओं को बल दिया है। इसके अलावा मई में वाहनों की बिक्री ने एक क्रमिक सुधार प्रदर्शित किया, जिससे ऑटो क्षेत्र में सुधार की भावना को बढ़ावा मिला है। आगामी सप्ताह में छह से आठ जून को होने वाली RBI की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के परिणाम के अलावा पीएमआई और अमेरिकी रोजगार आंकड़े बाजार की दिशा निर्धारित करेंगे। साथ ही अगले सप्ताह बाजार को दिशा देने में रुपये के प्रदर्शन और FII की लिवाली की भी अहम भूमिका रहेगी। FII मई में कुल 27,856.48 करोड़ रुपये के शुद्ध लिवाल रहे हैं। वहीं, इस अवधि में घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 3,306.35 करोड़ रुपये की बिकवाली की है। इसी तरह FII जून में अबतक 729.95 करोड़ रुपये के लिवाली रहे वहीं DII का कुल निवेश 1,070.78 करोड़ रुपये रहा। (वार्ता)